भागलपुर, 13 अगस्त 2025 — 36 करोड़ 99 लाख रुपये के सृजन घोटाले के एक मामले में मंगलवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने भागलपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी (डीएम) रहे बीरेंद्र प्रसाद यादव पर जालसाजी, धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोप तय कर दिए। वर्तमान में यादव बिहार सरकार के कृषि विभाग में विशेष सचिव पद पर तैनात हैं।
अदालत में पेशी के दौरान आरोप पढ़कर सुनाए गए, जिन्हें यादव ने खारिज करते हुए खुद को निर्दोष बताया। इसके बाद विशेष न्यायाधीश सुनील कुमार-2 ने मामले की अगली सुनवाई 26 अगस्त 2025 को तय की और सीबीआई को अभियोजन गवाह पेश करने का निर्देश दिया।
2014–2017 का मामला
यह मामला वर्ष 2014 से 2017 के बीच भागलपुर में मुख्यमंत्री विकास योजना की राशि के गबन से जुड़ा है। आरोप है कि 36 करोड़ 99 लाख 33 हजार 548 रुपये सरकारी खातों से निकालकर सृजन महिला विकास समिति के खाते में ट्रांसफर किए गए। सीबीआई ने 2017 में एफआईआर दर्ज की और अब तक तीन चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।
आरोपियों की लंबी सूची
घोटाले के तीसरे चार्जशीट में पूर्व डीएम यादव का नाम शामिल किया गया। जांच में सामने आया कि दो सरकारी बैंक खातों से चेक और ड्राफ्ट के जरिए बड़ी रकम — 12.20 करोड़ रुपये, 9.75 करोड़ रुपये और 5.50 करोड़ रुपये — समिति के खाते में भेजी गई।
इस मामले में समिति की अध्यक्ष मनोरमा देवी की बहू रजनी प्रिया, सरिता झा, सुबा लक्ष्मी प्रसाद, और अन्य आरोपियों में विश्वनाथ दत्ता, नवीन कुमार राय, एनवी राजू, ज्ञानेन्द्र कुमार, और बंशीधर झा शामिल हैं।