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राज्य

"शहीद हो जाऊंगा, लेकिन मराठी नहीं बोलूंगा": पवन सिंह का राज ठाकरे को सीधा जवाब, महाराष्ट्र में भाषा विवाद पर जताई नाराजगी

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मुंबई/पटना: भोजपुरी सुपरस्टार और पूर्व लोकसभा प्रत्याशी पवन सिंह ने महाराष्ट्र में गैर-मराठी भाषियों के खिलाफ बढ़ते विवाद पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) और उसके प्रमुख राज ठाकरे को खुली चुनौती दी है। पवन सिंह ने दो-टूक कहा है कि भले ही उन्हें जान से मार दिया जाए, वे मराठी नहीं बोलेंगे। उन्होंने महाराष्ट्र में हिंदी भाषियों पर हो रहे कथित हमलों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा, “मैं मुंबई में काम करूंगा और हिंदी बोलूंगा – चाहे इसके लिए मुझे अपनी जान ही क्यों न गंवानी पड़े।”

"मराठी नहीं आती, तो क्या अपराध कर दिया?"

एक इंटरव्यू के दौरान पवन सिंह ने कहा,

“मुझे मराठी नहीं आती। मुझे बंगाली भी नहीं आती, जबकि मेरा जन्म बंगाल में हुआ था। क्या हर जगह की भाषा आना जरूरी है? हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और मुझे हर राज्य में हिंदी बोलने का अधिकार है।”

पवन सिंह बोले – "अहंकार है, मराठी आनी चाहिए कहना"

राज ठाकरे की उस सोच पर निशाना साधते हुए जिसमें महाराष्ट्र में रहने वालों को मराठी बोलना जरूरी बताया गया है, पवन सिंह ने कहा कि

“यह कहना कि महाराष्ट्र में काम करना है तो मराठी आनी ही चाहिए – यह घमंड है, यह भाषा का दुरुपयोग है। अगर कोई जबरन भाषा थोपेगा तो वह संविधान के खिलाफ है।”

"मर जाऊंगा लेकिन पीछे नहीं हटूंगा"

मनसे के कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा हिंदी भाषी प्रवासियों को निशाना बनाए जाने की घटनाओं पर पवन सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा:

“राज ठाकरे क्या कर लेंगे? मुझे जान से मार देंगे? मैं डरता नहीं हूं। अगर इस मुद्दे पर मुझे मार दिया गया, तो मैं ‘शहीद’ कहलाना पसंद करूंगा। लेकिन मराठी नहीं बोलूंगा।”

हिंदी भाषियों से अपील – डरें नहीं, लड़ें

पवन सिंह ने बिहार, उत्तर प्रदेश और हिंदी भाषी राज्यों के लोगों से अपील करते हुए कहा,

“डरिए मत। आप मेहनती हैं, संघर्ष करते हैं – बस अपने काम में लगे रहिए। हार मानना हमारी फितरत नहीं है।”


पृष्ठभूमि:

महाराष्ट्र में भाषा को लेकर अक्सर विवाद उठता रहा है। मनसे का दावा रहा है कि महाराष्ट्र में काम करने वालों को मराठी भाषा का ज्ञान होना चाहिए। इस मुद्दे पर राज ठाकरे कई बार बयान दे चुके हैं और मनसे कार्यकर्ता कई बार हिंदी भाषी प्रवासियों पर हमले के चलते विवादों में रहे हैं।

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