जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य के सरकारी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर अहम आदेश पारित किया है। अदालत ने प्रदेशभर के 86,934 जर्जर कमरों में कक्षाएं लगाने पर तत्काल रोक लगाई है।
हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच, जस्टिस महेंद्र कुमार गोयल और अशोक कुमार जैन ने शुक्रवार को यह आदेश सुनाया। अदालत ने स्पष्ट किया कि इन जर्जर कमरों को तुरंत बंद किया जाए और छात्रों को इनमें प्रवेश न करने दिया जाए। साथ ही राज्य सरकार को निर्देश दिया गया कि प्रभावित छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
हादसों के बाद सख्ती
यह आदेश उस समय आया है जब हाल ही में झालावाड़ में स्कूल की छत गिरने से 7 छात्रों की मौत और 8 घायल हो गए थे। इसके बाद शिक्षा विभाग ने पूरे राज्य में स्कूल भवनों का सर्वे करवाया। इसी दौरान जैसलमेर में भी एक स्कूल का मुख्य द्वार गिरने से एक छात्र की मौत और दो अन्य घायल हो गए थे।
सर्वे की चौंकाने वाली रिपोर्ट
सरकारी सर्वेक्षण में सामने आया कि राजस्थान के 63,018 सरकारी स्कूलों में कुल 5,26,162 कमरे हैं। इनमें से 86,934 पूरी तरह जर्जर हालत में पाए गए।
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5,667 स्कूल भवन उपयोग के लिए पूरी तरह असुरक्षित
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17,109 शौचालय जर्जर
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29,093 शौचालय मरम्मत योग्य
अदालत ने इस रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार से इंजीनियरों की तकनीकी वेरीफिकेशन रिपोर्ट भी मांगी है। मामले की अगली सुनवाई 4 सितंबर को होगी।