बिहार की सियासत में लगातार बयानबाज़ी से सुर्खियों में बने जन सुराज पार्टी (JSP) के नेता प्रशांत किशोर को पटना कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। पटना सीजेएम कोर्ट ने उन्हें 17 अक्टूबर को पेश होने का आदेश दिया है। यह समन जेडीयू मंत्री अशोक चौधरी द्वारा दायर मानहानि केस से जुड़ा है।
मामला क्या है
जून 2025 में अशोक चौधरी ने प्रशांत किशोर पर मानहानि का मामला दर्ज कराया था। प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया था कि अशोक चौधरी ने अपनी बेटी शांभवी चौधरी के लिए लोकसभा चुनाव में टिकट खरीदने के लिए पैसे का इस्तेमाल किया। किशोर का दावा था कि शांभवी को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) से टिकट दिलाने के लिए पैसों का लेन-देन हुआ, जिसके बाद वह समस्तीपुर से सांसद बनीं।
अशोक चौधरी ने इन आरोपों को झूठा बताते हुए पहले प्रशांत किशोर को नोटिस भेजा था, लेकिन संतोषजनक जवाब न मिलने पर उन्होंने पटना सीजेएम कोर्ट में मानहानि का केस दायर किया। यह प्रशांत किशोर के खिलाफ दर्ज पहला मानहानि का मामला है।
नए आरोप और पलटवार
हाल ही में प्रशांत किशोर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अशोक चौधरी पर नया हमला करते हुए दावा किया कि उन्होंने शांभवी की सगाई और शादी के बीच 38 करोड़ रुपये की पांच जमीन खरीदी और दो साल में 200 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति इकट्ठा की। किशोर ने चौधरी की पत्नी नीता चौधरी, बेटी शांभवी, दामाद सायन कुणाल और समधन अनिता कुणाल के नामों को भी इसमें शामिल किया।
इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए अशोक चौधरी ने इसे पूरी तरह बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी ने सभी संपत्तियां अपनी वैधानिक आय से खरीदी हैं और इसकी जानकारी चुनावी शपथ पत्र में दर्ज है। चौधरी ने प्रशांत किशोर को 100 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजा है।
बढ़ती कानूनी मुश्किलें
अशोक चौधरी के अलावा भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद संजय जायसवाल ने भी प्रशांत किशोर के खिलाफ डिफेमेशन केस दर्ज कराया है। किशोर ने हाल ही में संजय जायसवाल, सम्राट चौधरी, मंगल पांडेय और दिलीप जायसवाल पर भी कई गंभीर आरोप लगाए थे।
सियासी हलचल तेज
इन मामलों ने बिहार की राजनीति में गरमी बढ़ा दी है। जहां प्रशांत किशोर लगातार एनडीए नेताओं पर निशाना साध रहे हैं, वहीं जेडीयू और भाजपा नेता कानूनी मोर्चे पर जवाबी कार्रवाई कर रहे हैं। 17 अक्टूबर को प्रशांत किशोर की कोर्ट में पेशी बिहार की राजनीति में बड़ा मोड़ साबित हो सकती है।