उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में इंसानी बहादुरी की मिसाल पेश करने वाला मामला सामने आया है। यहां पोखड़ा रेंज के हलूणी गांव में रविवार सुबह जंगल में घास लेने गई एक महिला ने दरांती लेकर तेंदुए से भिड़कर अपनी बेटी की जान बचाई। इस साहसिक घटना के बाद पूरे इलाके में मां के जज्बे की चर्चा हो रही है।
तेंदुए ने पीछे से किया हमला
जानकारी के अनुसार, बचन सिंह की बेटी प्रियंका अपनी मां और अन्य महिलाओं के साथ जंगल में घास काटने गई थी। सुबह करीब 9 बजे घात लगाकर बैठे तेंदुए ने अचानक पीछे से प्रियंका पर झपट्टा मार दिया। हमले में प्रियंका के हाथ और पीठ पर तेंदुए के नाखूनों के निशान आए।
मां ने दिखाई दुर्गा जैसी बहादुरी
हमले के दौरान प्रियंका की मां ने बिना देर किए जोर-जोर से शोर मचाया और हाथ में पकड़ी दरांती से तेंदुए की ओर लपकी। अचानक हुए इस प्रतिकार से तेंदुआ घबरा गया और जंगल की ओर भाग निकला। प्रियंका को तुरंत उपचार के लिए नौगांवखाल अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
पहले भी कर चुका है हमला
गढ़वाल वन प्रभाग के अधिकारियों के मुताबिक, इसी पोखड़ा रेंज में 12 सितंबर को भी एक चार साल की बच्ची को तेंदुआ घर से उठा ले गया था, जिसे बाद में पिंजरे में कैद कर लिया गया था। अब दोबारा तेंदुए की सक्रियता से ग्रामीणों में दहशत फैल गई है।
वन विभाग ने बढ़ाई निगरानी
गढ़वाल वन प्रभाग की एसडीओ लक्की शाह ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही टीम को मौके पर भेजा गया है। तेंदुए की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। ग्रामीणों ने तेंदुए को पकड़ने के लिए जंगल में पिंजरे लगाने की मांग की है।
यह घटना साबित करती है कि खतरनाक परिस्थितियों में भी इंसानी हिम्मत किसी भी शिकारी को मात दे सकती है। गांव की इस मां की बहादुरी अब पूरे इलाके के लिए प्रेरणा बन गई है।