भोपाल में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के छात्र और एनएसयूआई (NSUI) के पूर्व अध्यक्ष अमन कुमार को एक बड़े साइबर फ्रॉड मामले में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस जांच में सामने आया है कि अमन ने अपने साथियों के साथ मिलकर इंडियन पोस्ट पेमेंट बैंक (IPPB) के 250 से ज्यादा खाते खुलवाकर लगभग 3 करोड़ रुपए के संदिग्ध लेन-देन को अंजाम दिया। इस पूरे नेटवर्क के पाकिस्तान से जुड़े होने के भी संकेत मिले हैं।
500 रुपए का लालच देकर खुलवाए खाते
पुलिस के मुताबिक, अमन और उसके साथियों ने भोपाल और बिहार के ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का झांसा देकर खाते खुलवाए। हर खाते पर खाताधारकों को 500 रुपए का लालच दिया जाता था। इन खातों में फ्रॉड के पैसे ट्रांसफर किए जाते थे और हर खाते के लिए अमन को ₹2,500 से ₹5,000 तक का कमीशन मिलता था।
पाकिस्तान कनेक्शन का खुलासा
जांच में पता चला कि अमन की मुलाकात मोतिहारी में पढ़ाई के दौरान इरशाद नाम के युवक से हुई, जिसने उसकी दोस्ती पाकिस्तान में बैठे अरशद से कराई। पुलिस को अमन के मोबाइल से पाकिस्तानी नंबर और डिजिटल ट्रांजैक्शन के सबूत मिले हैं। यही गिरोह खातों में पैसे जमा कर उन्हें अन्य खातों में ट्रांसफर करता था।
बिहार में कार्रवाई, चार मोबाइल जब्त
यह पूरा नेटवर्क बिहार के मोतिहारी से संचालित हो रहा था, जहां से सरपंच मोहन दास का बेटा विशाल कुमार इस गिरोह को लीड कर रहा था। पुलिस ने मोतिहारी में छापेमारी कर अमन और उसके सहयोगियों को पकड़ा और 4 मोबाइल फोन जब्त किए।
NSUI पर एबीवीपी का हमला
एबीवीपी ने इस मामले को लेकर एनएसयूआई पर तीखा हमला बोला है। एबीवीपी की राष्ट्रीय मंत्री शालिनी वर्मा ने कहा कि यह संगठन बार-बार देशविरोधी गतिविधियों में पकड़ा जाता है और अब पाकिस्तान कनेक्शन का खुलासा इसकी असलियत बताता है। प्रांत मंत्री केतन चतुर्वेदी ने इसे “नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया नहीं, बल्कि एंटी नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया” तक कह डाला।
ग्रामीणों की शिकायत से टूटा मामला
करीब 20 दिन पहले मोतिहारी के ग्रामीणों ने पुलिस को शिकायत दी थी कि सरपंच के बेटे ने उन्हें खाते खुलवाने के बाद पासबुक नहीं दी और बाद में खाते बंद होने की जानकारी दी। जांच में सामने आया कि कुछ खातों में लाखों रुपए का लेन-देन हुआ और कई खाते माइनस बैलेंस में चले गए।
फिलहाल साइबर थाना पूरे नेटवर्क की जांच कर रहा है। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि पाकिस्तान से इस गिरोह को कौन फंडिंग कर रहा था और धोखाधड़ी की रकम किन-किन चैनलों से ट्रांसफर की गई।