भोपाल | 11 जुलाई 2025
मध्यप्रदेश में मानसूनी बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। राज्य के कई जिलों में तेज बारिश, उफनते नाले, बिजली गिरने और डूबने की घटनाओं से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
मौसम विभाग ने आज 14 जिलों में अति भारी बारिश और 22 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
नर्मदा नदी खतरे के निशान को पार कर चुकी है और कई नदियों और नालों में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।
🌧️ बारिश से प्रभावित ज़िले और आँकड़े (पिछले 24 घंटे):
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दमोह: 4.1 इंच
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शिवपुरी: 3 इंच
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नौगांव, सतना: 1.8 इंच
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टीकमगढ़: 1.5 इंच
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सागर: 1.1 इंच
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रायसेन: 1 इंच
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भोपाल: आधा इंच से अधिक बारिश (मुख्यतः रात में)
मुख्य घटनाएं और हादसे
दमोह: पुलिया से नीचे लटकी बस
उत्तर प्रदेश के जालौन जा रही एक यात्री बस ने उफनते नाले को पार करने की कोशिश की। बस अनियंत्रित होकर पुलिया से फिसल गई और नीचे लटक गई।
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बस में सवार सभी 6 यात्री सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए।
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यह हादसा मामूली सी चूक से बड़ा संकट बन सकता था।
सागर (बंडा): नाले में बही कार
बंडा क्षेत्र में एक कार तेज बहाव में फंसकर बह गई।
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कार में सवार 3 लोगों ने कूदकर अपनी जान बचाई।
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यह दृश्य राहगीरों में दहशत पैदा कर गया।
कटनी: बिजली गिरने से चार लोग झुलसे
बरही थाना क्षेत्र के हदरहटा गांव में धान की रोपाई के दौरान आकाशीय बिजली गिरी।
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चार लोग गंभीर रूप से झुलस गए, जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया।
नरसिंहपुर: नदी में डूबे तीन बच्चे
विपतपुरा गांव में तीन बच्चे नदी में डूब गए, जिनकी तलाश स्थानीय प्रशासन कर रहा है।
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घटना के बाद गांव में अत्यधिक शोक और भय का माहौल है।
सतना: पेड़ गिरने से वाहन क्षतिग्रस्त
तेज बारिश और हवाओं के कारण एक पेड़ गिर गया, जिससे कई दोपहिया वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।
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एक मकान का चबूतरा भी ढह गया, हालांकि जनहानि नहीं हुई।
दतिया: नाले में बहा ऑटोरिक्शा, ड्राइवर को बचाया गया
रिछरा फाटक क्षेत्र में सुबह के समय तेज बारिश से नाला उफान पर आ गया।
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एक ऑटोरिक्शा पानी के तेज बहाव में बहने लगा,
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लेकिन स्थानीय लोगों ने बहादुरी दिखाते हुए ड्राइवर को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
अलर्ट और चेतावनी
मौसम विभाग ने जिन 14 जिलों में अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, उनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
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जबलपुर, नरसिंहपुर, मंडला, रीवा, शहडोल, उमरिया, शिवपुरी, दमोह, सागर, दतिया, और ग्वालियर संभाग के अन्य जिले।
राज्य सरकार ने संबंधित जिलों के कलेक्टरों को आपातकालीन प्रबंधन, राहत-बचाव दलों की सक्रियता, और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।