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मध्य प्रदेश

ईडी की बड़ी कार्रवाई: पूर्व ईपीएफओ अधिकारी श्यामलाल अखंड की ₹50 लाख की संपत्ति कुर्क, आय से अधिक संपत्ति का मामला

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भोपाल/उज्जैन/इंदौर | 📆 10 जुलाई 2025

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के पूर्व प्रवर्तन अधिकारी श्यामलाल अखंड के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने उज्जैन और इंदौर में स्थित करीब ₹51 लाख मूल्य की संपत्ति कुर्क की है। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) 2002 के प्रावधानों के तहत की गई है।


कुर्क की गई संपत्तियां: कृषि भूमि और आवासीय भूखंड

ईडी ने 8 जुलाई को उज्जैन के नलवा गांव में स्थित कृषि भूमि और इंदौर के जख्या स्थित एमरॉल्ड सिटी में एक आवासीय प्लॉट को कुर्क किया।
इन संपत्तियों को अखंड ने अपने, पत्नी और बेटे के नाम पर अवैध रूप से अर्जित आय से खरीदा था।

ईडी ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर इस कार्रवाई की जानकारी दी।


2009 से 2019 तक बनाई आय से अधिक संपत्ति

ईडी अधिकारियों के मुताबिक, अखंड ने 2009 से 2019 के बीच ईपीएफओ में नौकरी करते हुए अपनी वैध आय से कहीं अधिक संपत्ति अर्जित की।
जांच में यह भी सामने आया कि उनके और उनके परिजनों के बैंक खातों में संदिग्ध नकद जमा पाए गए हैं।


बताए गए आय के स्रोत, नहीं मिले दस्तावेजी सबूत

अखंड ने पूछताछ में अपने वेतन, मकान किराया, खेती की आय, और पत्नी के कढ़ाई-सिलाई व्यवसाय को आय का स्रोत बताया।
हालांकि, ईडी के समक्ष वह इन स्रोतों के कोई प्रामाणिक दस्तावेज पेश नहीं कर पाए।


CBI और EOW की FIR के आधार पर शुरू हुई जांच

ईडी की जांच CBI और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) द्वारा पूर्व में दर्ज की गई दो एफआईआर के आधार पर शुरू की गई।

  • पहली एफआईआर रिश्वत लेने

  • दूसरी एफआईआर आय से अधिक संपत्ति रखने को लेकर दर्ज की गई थी।


2019 में रिश्वत मामले में CBI ने की थी रेड

करीब 6 साल पहले CBI ने श्यामलाल अखंड के घर पर छापेमारी की थी।
जांच में खुलासा हुआ था कि उन्होंने मंदसौर की सांई कंस्ट्रक्शन कंपनी से PF गड़बड़ी दबाने के लिए ₹5 लाख रिश्वत मांगी थी।

CBI के मुताबिक, उन्होंने ₹2 लाख की पहली किस्त लेकर संबंधित व्यक्ति को अपने उज्जैन स्थित सरकारी निवास पर बुलाया था।
यह मामला भी अब ED जांच का हिस्सा है।


अभी और भी कुर्की और पूछताछ संभव

ईडी सूत्रों के अनुसार, अखंड के खिलाफ जांच अभी जारी है और अन्य संपत्तियों तथा लेन-देन की भी पड़ताल की जा रही है।
ईडी जल्द ही संपत्ति जब्ती की प्रक्रिया और अन्य सहयोगियों की भूमिका को लेकर भी कदम उठा सकती है।

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