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मोतिहारी में 'बॉस गैंग' पर बड़ी कार्रवाई: डार्क वेब से चल रहा था साइबर फ्रॉड का नेटवर्क, लाखों की नकदी और हथियार बरामद

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मोतिहारी/बिहार, 28 जून 2025 — बिहार के मोतिहारी में साइबर थाना पुलिस ने साइबर ठगी के एक बड़े गिरोह 'बॉस गैंग' पर एक बार फिर बड़ी कार्रवाई करते हुए इसके मास्टरमाइंड समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह पर डार्क वेब के जरिए फर्जी 'डिजिटल अरेस्ट' का डर दिखाकर लोगों से लाखों रुपये की ठगी करने का आरोप है। छापेमारी में पुलिस को भारी मात्रा में नकदी, हथियार और साइबर क्राइम से जुड़े कई दस्तावेज भी बरामद हुए हैं।


डार्क वेब के जरिए 'डिजिटल अरेस्ट' का डर

पुलिस के अनुसार, 'बॉस गैंग' का तरीका बेहद शातिर था। ये लोग डार्क वेब के जरिए लोगों का डाटा हासिल करते थे और फिर उन्हें फर्जी कॉल करके खुद को साइबर सेल या पुलिस अधिकारी बताकर ‘डिजिटल अरेस्ट’ की धमकी देते थे। डर के मारे पीड़ित लोग रकम ट्रांसफर कर देते थे।


छापेमारी में मिले चौंकाने वाले सबूत

साइबर थाना की टीम ने इस कार्रवाई में 10 लाख 30 हजार रुपये नकद, नोट गिनने की मशीन, दर्जनों फर्जी बैंक पासबुक, एटीएम कार्ड, चेक बुक, पैन कार्ड, एक रायफल, एक पिस्टल, और भारी मात्रा में कारतूस जब्त किए हैं। गिरोह के पास से जो सामान बरामद हुआ है, वह इस बात का सबूत है कि यह नेटवर्क सुनियोजित तरीके से चलाया जा रहा था।


गिरफ्तार आरोपी और चौंकाने वाला सैन्य कनेक्शन

गिरफ्तार आरोपियों में एक नाम चौंकाने वाला है — एसएसबी की 47वीं बटालियन का हवलदार पंकज पांडे। उनके साथ एक अन्य आरोपी जावेद को भी गिरफ्तार किया गया है। जबकि गिरोह के दो अन्य सदस्य दयाशंकर पांडे और अविनेश अब भी फरार हैं। दोनों की तलाश में छापेमारी जारी है।

जांच में यह भी सामने आया है कि हवलदार पंकज और दयाशंकर के बीच USDT (क्रिप्टोकरेंसी) के जरिए आर्थिक लेन-देन होता था, जिससे यह साफ है कि गिरोह की पहुंच डिजिटल वित्तीय नेटवर्क तक थी।


तीन दिन पहले पकड़ा गया था एक और मास्टरमाइंड

साइबर डीएसपी अभिनव परासर ने जानकारी दी कि हाल ही में दर्ज एक केस के बाद पुलिस को गिरोह की तलाश थी। तीन दिन पहले सुरेश प्रसाद नामक आरोपी की गिरफ्तारी से पुलिस को कई अहम सुराग मिले, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की गई। पुलिस ने जावेद, दयाशंकर और अविनेश के दुकानों और ठिकानों पर छापेमारी की, जहां से दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।


क्राइम का नया हब बनते साइबर कैफे और दुकानें

पुलिस का कहना है कि ये साइबर अपराधी अपनी दुकानों से ही पूरे नेटवर्क को संचालित कर रहे थे। दुकान की आड़ में आम लोगों को ठगने का खेल चल रहा था। जांच में यह भी सामने आया है कि ये गैंग अब तक करोड़ों की ठगी कर चुका है और पहले भी करीब 30 लाख की साइबर ठगी में पकड़ा गया था।


साइबर ठगों में मचा हड़कंप, नेटवर्क की तलाश जारी

पुलिस की इस बड़ी कार्रवाई के बाद इलाके में साइबर अपराधियों में हड़कंप मचा हुआ है। फिलहाल फरार आरोपियों की तलाश जारी है और गैंग के अन्य नेटवर्क को ट्रेस किया जा रहा है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि गिरोह के तार किन अन्य राज्यों या अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़े हुए हैं।

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