केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर लेह में बुधवार को हिंसक प्रदर्शन हुआ। छात्रों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प की घटना सामने आई। प्रदर्शनकारियों ने भाजपा कार्यालय में आग लगाई, पुलिस पर पत्थरबाजी की और CRPF की गाड़ियों में भी आग लगाने की कोशिश की।
🔹 सोनम वांगचुक की भूख हड़ताल
छात्र यह प्रदर्शन सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक के समर्थन में कर रहे थे, जो पिछले 15 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं। वांगचुक की अगुवाई में छात्रों और स्थानीय लोगों ने बंद और रैली के जरिए केंद्र सरकार से मांगों को पूरा करने की अपील की।
🔹 प्रमुख मांगें
सोनम वांगचुक और छात्रों की चार प्रमुख मांगें हैं:
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लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले।
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संवैधानिक सुरक्षा (6वीं अनुसूची के तहत) दी जाए।
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कारगिल और लेह को लोकसभा सीट बनाए जाएं।
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सरकारी नौकरियों में स्थानीय लोगों की भर्ती सुनिश्चित हो।
इन मांगों को लेकर अगली बैठक दिल्ली में 6 अक्टूबर को आयोजित होगी।
🔹 आर्टिकल 370 और लद्दाख का राजनीतिक इतिहास
साल 2019 में केंद्र सरकार ने आर्टिकल 370 और 35A हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया था। लेह और कारगिल मिलाकर लद्दाख बनाया गया। उस समय सरकार ने भविष्य में पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का भरोसा दिया था।
इसके बाद से लद्दाख में कई बार प्रदर्शन हुए, क्योंकि स्थानीय लोग महसूस करते रहे कि आर्टिकल 370 हटने के बाद उनकी जमीन, नौकरियां और अलग पहचान पर असर पड़ा है।
🔹 नए जिले और प्रशासनिक बदलाव
26 अगस्त 2024 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लद्दाख में 5 नए जिलों की घोषणा की थी। इन जिलों के नाम हैं: जांस्कर, द्रास, शाम, नुब्रा और चांगथांग। इससे पहले लद्दाख में केवल दो जिले थे: लेह और कारगिल। नए जिलों के निर्माण के बाद कुल संख्या 7 हो जाएगी।