Shopping cart

Subtotal: $4398.00

View cart Checkout

Magazines cover a wide subjects, including not limited to fashion, lifestyle, health, politics, business, Entertainment, sports, science,

राज्य / बिहार

Bihar Election 2025: 9 जिलों में NDA का ‘वॉर प्लान’ तैयार, पिछली हार का बदला और सुपौल में जीत दोहराने की चुनौती

Blog Image
904

पटना | अक्टूबर 2025
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मी चरम पर है और अब एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) ने अपने चुनावी “वॉर रूम” से विशेष रणनीति जारी कर दी है। गठबंधन ने 9 जिलों की 36 विधानसभा सीटों पर केंद्रित एक नई चुनावी रणनीति (Special War Plan) तैयार की है। इन जिलों में एनडीए का लक्ष्य है — पिछली हार का बदला और पुराने किले की रक्षा।

आठ जिलों की हार बनी चुनौती

2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए को शिवहर, किशनगंज, बक्सर, अरवल, रोहतास, कैमूर, औरंगाबाद और जहानाबाद जिलों की 31 सीटों पर एक भी जीत नहीं मिली थी। इनमें से 28 सीटें महागठबंधन के खाते में गई थीं, जबकि तीन सीटें तीसरे मोर्चे ने जीती थीं।
अब गठबंधन इन्हीं इलाकों को चुनावी फोकस में रखकर नए सामाजिक समीकरण और स्थानीय रणनीति के साथ मैदान में उतर रहा है।

सुपौल बना ‘टेस्ट जोन’

एनडीए के लिए इस बार सुपौल जिला “टेस्ट जोन” बन गया है। 2020 में एनडीए ने यहां की सभी पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी — यानी 100% सफलता
अब वही प्रदर्शन दोहराना उसके लिए साख और सम्मान का सवाल बन गया है। गठबंधन ने यहां संयुक्त जमीनी टीम बनाई है, जिसमें जिलाध्यक्ष से लेकर प्रखंड स्तर तक के पदाधिकारियों को घर-घर संपर्क अभियान की जिम्मेदारी दी गई है।

महागठबंधन की रणनीति: एनडीए के गढ़ में सेंध लगाने की तैयारी

दूसरी ओर, महागठबंधन (RJD, कांग्रेस, वाम दल) ने भी सुपौल और अन्य जिलों में संगठित रणनीति के साथ मोर्चा संभाल लिया है।
कांग्रेस और आरजेडी ने अपने स्थानीय नेतृत्व को एक्टिव मोड में लाते हुए बूथ स्तर तक जनसंपर्क अभियान तेज कर दिया है।
कांग्रेस के रणनीतिकारों का कहना है कि “एनडीए का आत्मविश्वास ही उसकी सबसे बड़ी ढिलाई साबित हो सकता है।

केंद्र से लेकर मैदान तक सख्त निगरानी

सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय नेतृत्व ने सभी घटक दलों (JDU, BJP, LJP (रामविलास), RLSP और HAM) के प्रदेश अध्यक्षों को जिला-वार जिम्मेदारी सौंपी है।
हर नेता को अपने-अपने क्षेत्र में बूथ स्तर तक निगरानी रखने और संवादहीनता रोकने के निर्देश दिए गए हैं।
इसके लिए प्रदेश उपाध्यक्षों और महासचिवों को भी सीधे मैदान में तैनात किया गया है।

इस बार एनडीए रक्षात्मक नहीं, आक्रामक मूड में

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार एनडीए रक्षात्मक नहीं बल्कि आक्रामक रणनीति के साथ मैदान में उतरा है।
ग्राउंड कनेक्ट, सोशल मीडिया मॉनिटरिंग और गठबंधन समन्वय” — यही तीन स्तंभ इस वार प्लान की नींव हैं।
वहीं, महागठबंधन भी पूरी तैयारी के साथ मैदान में है, जिससे मुकाबला और भी दिलचस्प और निर्णायक होने वाला है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Post