बोकारो (झारखंड) | 📆 10 जुलाई 2025
झारखंड के बोकारो जिले से एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसे देखकर किसी का भी दिल दहल जाए। वीडियो में एक बुजुर्ग महिला टूटी हुई पुलिया के लोहे के गाटर पर सहमी हुई चलती नजर आ रही हैं — नीचे खौलती नदी और ऊपर मौत से जूझती मजबूरी!
मजबूरी या हिम्मत? टूटी व्यवस्था की चुप चीख
वीडियो में दिख रही बुजुर्ग महिला के दोनों हाथ पुल की जर्जर रेलिंग को मजबूती से पकड़े हुए हैं। वह फूंक-फूंक कर अपने कदम आगे बढ़ा रही हैं, मानो हर क़दम ज़िंदगी और मौत के बीच संतुलन बना रहा हो।
गाटर पर महज पांव रखने भर की जगह है, और नीचे बाढ़ की चपेट में बहती नदी पूरी तरह मुंह फैलाए खड़ी है। यह दृश्य जितना भयावह है, उतना ही बेबस भी, क्योंकि यह एक नागरिक की मजबूरी और हिम्मत दोनों की कहानी कहता है।
बारिश ने खोली बुनियादी ढांचे की पोल
भीषण बारिश ने पूरे झारखंड समेत कई राज्यों में कहर मचा रखा है।
📍 गांव हों या शहर, सड़कों, पुलों और रास्तों की खस्ता हालत ने लोगों की जान सांसत में डाल दी है।
जहां एक ओर प्रकृति का कहर है, वहीं दूसरी तरफ टूटी सरकारी जिम्मेदारियां भी साफ नज़र आती हैं।
यह घटना इस बात का प्रमाण है कि बुनियादी ढांचा सुधारने की घोषणाएं जमीनी हकीकत में कितनी खोखली साबित हो रही हैं।
वीडियो वायरल, सोशल मीडिया पर उठी आवाज
यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर सामने आया और कुछ ही घंटों में वायरल हो गया।
लोगों ने बुजुर्ग महिला की हिम्मत को सलाम करते हुए प्रशासन की अनदेखी पर सवाल खड़े किए हैं।
"कब तक लोग अपनी जान जोखिम में डालते रहेंगे?"
"क्या इंतज़ार है? हादसे का?"
"अगर यह आपकी मां होती तो क्या पुल ठीक होता?"
ऐसे कई तीखे कमेंट्स प्रशासन को झकझोरने की कोशिश कर रहे हैं।
अब तक प्रशासन की ओर से कोई जवाब नहीं
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस पुल की स्थिति कई महीनों से खराब है, लेकिन कई शिकायतों के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
अब जब मामला वायरल हुआ है, तब प्रशासन की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।