भोपाल (मध्य प्रदेश) | 📆 10 जुलाई 2025
मध्य प्रदेश में मानसून के दस्तक देते ही एक बार फिर सड़कों पर गड्ढों का मुद्दा गरमाने लगा है। इसी बीच राज्य के लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री राकेश सिंह का एक बयान सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने गड्ढों को लेकर ऐसा तर्क दिया है, जिसे कई लोग "अजीबोगरीब" और "बेतुका" बता रहे हैं।
क्या बोले मंत्री राकेश सिंह?
जब पत्रकारों ने प्रदेश में बारिश के बाद सड़कों की खराब हालत और गड्ढों की भरमार को लेकर सवाल किया, तो मंत्री राकेश सिंह ने जवाब दिया:
"जब तक सड़कें रहेंगी, तब तक गड्ढे भी होते रहेंगे। दुनिया में ऐसी कोई सड़क नहीं है, जिस पर कभी गड्ढे न दिखें।"
उन्होंने यह भी जोड़ा कि:
"अगर किसी सड़क की लाइफ 5 साल है और वह 4 साल बाद खराब हो रही है, तो यह सामान्य है। लेकिन अगर कोई सड़क 6 महीने में ही टूट जाए, तो वह गड़बड़ है और ऐसे मामलों में कार्रवाई होनी चाहिए।"
बारिश, बजट और बहाने
मध्य प्रदेश में हर साल मानसून के साथ सड़कें टूटने और गड्ढों के बनने का सिलसिला चलता है।
लेकिन विपक्ष और आम जनता का सवाल यह है कि अगर सड़कों की उम्र 5 साल मानी जाती है, तो क्या गड्ढे बनना सामान्य माना जाना चाहिए?
क्या गुणवत्ता पर सवाल उठाने की बजाय गड्ढों को अनिवार्य मान लेना समाधान है?
विपक्ष और जनता ने किया तीखा प्रहार
मंत्री के बयान के बाद विपक्षी दलों ने इसे "जनता की पीड़ा पर असंवेदनशील टिप्पणी" बताया है।
🔹 कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा,
"सड़कें नहीं, सिस्टम में गड्ढे हैं। मंत्री महोदय जवाबदेही से बच रहे हैं।"
🔹 वहीं सोशल मीडिया पर यूज़र्स ने व्यंग्य करते हुए लिखा:
"अब लगता है गड्ढे भी बजट का हिस्सा बन चुके हैं!"
क्या वाकई कोई समाधान नहीं?
PWD मंत्री ने कहा कि अभी तक ऐसी कोई तकनीक उनके संज्ञान में नहीं आई है, जो सड़कों को पूरी तरह गड्ढा-मुक्त बनाए रख सके।
लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि बेहतर निर्माण सामग्री, मानक प्रक्रिया और जवाबदेही से सड़कों की गुणवत्ता को लंबे समय तक बनाए रखा जा सकता है।