पूर्णिया, बिहार। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अक्सर कटाक्ष करने के लिए चर्चित भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने रविवार को पूर्णिया में आयोजित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में सबको चौंकाते हुए “नीतीश कुमार जिंदाबाद” का नारा लगाया। यह वही गिरिराज सिंह हैं जिन्होंने समय-समय पर नीतीश कुमार पर तीखे और विवादास्पद बयान दिए हैं। लेकिन पूर्णिया में मंच साझा करते हुए उन्होंने न केवल नीतीश कुमार के समर्थन में नारे लगाए बल्कि भाजपा और जेडीयू के बीच राजनीतिक समीकरण पर नए सवाल भी खड़े कर दिए हैं।
मंच पर नारेबाजी
प्रधानमंत्री मोदी के पूर्णिया आगमन पर एयरपोर्ट उद्घाटन और कई योजनाओं के शिलान्यास के दौरान केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का भाषण चल रहा था। जैसे ही प्रधानमंत्री मोदी खुली जीप में मंच पर पहुंचे, गिरिराज सिंह ने माइक संभालते हुए कहा –
“नरेंद्र मोदी जिंदाबाद! नीतीश कुमार जिंदाबाद! भारत माता की जय!”
उनके साथ मंच पर नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा भी मौजूद थे। इस दौरान सभा स्थल में उत्साह और हैरानी दोनों देखने को मिली।
पुराने विवादित बयान
गिरिराज सिंह का नीतीश कुमार के खिलाफ तीखे बयानों का लंबा इतिहास रहा है:
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2013 में उन्होंने नीतीश की तुलना “देहाती औरत” से कर दी थी और कहा था कि वो ईर्ष्या के कारण मोदी से झगड़ रहे हैं।
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2014 में कहा था कि नीतीश आतंकवाद को प्रश्रय देते हैं।
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अगस्त 2022 में नीतीश के महागठबंधन में जाने पर उन्हें “अमरलत्ता” कहकर तंज किया।
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मई 2023 में योगी आदित्यनाथ जैसे मुख्यमंत्री की आवश्यकता बताई थी।
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दिसंबर 2024 में नीतीश कुमार और नवीन पटनायक के लिए भारत रत्न की मांग भी कर चुके हैं।
इन बयानों से साफ है कि गिरिराज सिंह का नीतीश कुमार से राजनीतिक समीकरण उलझा रहा है।
वर्तमान सियासी संदर्भ
पूर्णिया की यह घटना ऐसे समय हुई है जब नीतीश कुमार एनडीए में वापसी कर चुके हैं। गठबंधन की मजबूती और आगामी चुनावों को देखते हुए भाजपा नेताओं का एकजुट दिखना महत्वपूर्ण है। गिरिराज सिंह का यह नारा राजनीतिक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, ताकि एनडीए की एकजुटता का संदेश दिया जा सके।
क्या संदेश?
यह घटना बिहार की राजनीति में एक नया संकेत देती है। विरोध और कटाक्ष के बावजूद राजनीतिक समीकरण बदलते रहते हैं। गिरिराज सिंह का समर्थन दर्शाता है कि गठबंधन राजनीति में बयानबाजी से अधिक महत्वपूर्ण है चुनावी समीकरण और सामूहिक रणनीति।