छत्तीसगढ़/बलरामपुर।
राज्य के बलरामपुर जिले से एक रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया है। यहां एक पिता ने अपने बीमार बेटे को ठीक करने की उम्मीद में अंधविश्वास की राह चुनी और तीन साल के मासूम की बेरहमी से हत्या कर दी। यह हृदयविदारक मामला सामरीपाठ थाना क्षेत्र के कटईडीह गांव का है, जहां अंधश्रद्धा ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया।
मासूम को लालच देकर ले गया, फिर दी बलि
आरोपी राजू कोरवा ने पुलिस पूछताछ में कबूल किया कि उसने सुलुंगडीह गांव के एक तीन साल के बच्चे को पहले मिठाई और बिस्किट का लालच देकर अपने घर बुलाया। इसके बाद उसने लोहे की छुरी से मासूम का गला रेत दिया। हत्या के बाद शव को बोरे में भरकर पास के नाले के पास जला दिया गया और सिर को घर में छिपाकर रखा गया। तीन दिन बाद आरोपी ने सिर को जमीन में दफना दिया।
तांत्रिकों के कहने पर दी "मानव बलि"
पूछताछ में खुलासा हुआ कि राजू कोरवा का बेटा मिग्री मानसिक रूप से बीमार है। बेटे की बीमारी से परेशान होकर उसने स्थानीय तांत्रिकों की सलाह ली, जिन्होंने 'महादानी देवता' को खुश करने के लिए मानव बलि देने की बात कही। तांत्रिकों के इस विश्वास के झांसे में आकर राजू ने इस घिनौनी हरकत को अंजाम दे डाला।
पुलिस ने बरामद किए हत्या के सबूत
बच्चे के अचानक गायब होने के बाद परिजनों ने 6 अप्रैल को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। जांच के दौरान पुलिस को राजू की गतिविधियों पर शक हुआ। सख्ती से पूछताछ करने पर उसने पूरे घटनाक्रम का खुलासा कर दिया। आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त लोहे की छुरी और जले हुए शव के अवशेष बरामद कर लिए हैं।
मामला दर्ज, जांच जारी
बलरामपुर के पुलिस अधीक्षक वैभव बैंकर ने बताया कि आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 363 (अपहरण), 302 (हत्या) और 201 (सबूत मिटाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर दिया गया है, और आगे की जांच जारी है।
यह घटना न सिर्फ एक अबोध मासूम की जान लेने वाली विभीषिका है, बल्कि यह समाज में फैले अंधविश्वास और कुप्रथाओं पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है।