पटना, 26 अगस्त 2025
बिहार में शराबबंदी पर सियासत तेज हो गई है। जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर (PK) द्वारा सरकार बनने पर शराबबंदी खत्म करने की घोषणा के बाद अब जेडीयू महासचिव मनीष वर्मा ने उन पर सीधा हमला बोला है।
मनीष वर्मा का आरोप: "कितना पैसा लिए हो शराब वालों से?"
मधुबनी जिले के लौकहा विधानसभा क्षेत्र में एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मनीष वर्मा ने प्रशांत किशोर पर गंभीर सवाल खड़े किए।
उन्होंने कहा:
“पहचानिए इस दगाबाज को, जो गांधी जी का नाम लेता है। गांधी जी ने कहा था कि अगर मुझे एक घंटे का भी तानाशाह बना दिया जाए, तो सबसे पहला काम शराबबंदी लागू करना होगा। और यह व्यक्ति कहता है कि अगर मैं सत्ता में आया तो एक घंटे में शराब की नदी बहा दूंगा।”
इसके बाद जेडीयू नेता ने PK पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा:
“कितना पैसा लिए हो शराब ठेका वालों से? क्या उसी पैसे से अपना कैंपेन चला रहे हो? यही शराब का पैसा यहां बहा रहे हो? क्या चाहते हो कि बिहार के बच्चे, पति और पिता सब शराब में डूब जाएं? बिहार को बर्बाद करने की साज़िश कर रहे हो।”
शराबबंदी पर प्रशांत किशोर का रुख
प्रशांत किशोर पहले भी साफ कर चुके हैं कि उनकी पार्टी की सरकार बनी तो बिहार में शराबबंदी कानून को खत्म कर देंगे। उनका कहना है कि महात्मा गांधी ने शराबबंदी का कभी समर्थन नहीं किया, बल्कि उन्होंने कहा था कि शराब बुरी चीज़ है और लोगों को जागरूक करके इसे छोड़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
बिहार में शराबबंदी का इतिहास
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2016: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराब की बिक्री और खपत दोनों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया। इसके बाद लाखों गिरफ्तारियां हुईं और अदालतों पर मुकदमों का बोझ बढ़ गया।
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1977: जनता पार्टी की सरकार के दौरान भी शराबबंदी लागू हुई थी, लेकिन पुलिस, अफसरों और शराब माफिया की मिलीभगत से यह नाकाम साबित हुई।
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सुप्रीम कोर्ट तक ने इस कानून पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि बिहार की अदालतें शराबबंदी मामलों से बोझिल हो गई हैं।
👉 साफ है कि बिहार में शराबबंदी अब सिर्फ सामाजिक मुद्दा नहीं बल्कि बड़ा राजनीतिक हथियार बन चुकी है, जिस पर नेताओं के बीच तीखे आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं।