अयोध्या। भूटान के प्रधानमंत्री दासो शेरिंग तोबगे शुक्रवार सुबह विशेष दौरे पर रामनगरी अयोध्या पहुंचे। वह लगभग चार घंटे के प्रवास पर यहां आए हैं। सुबह 9:30 बजे उनका विमान महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा, जहां प्रदेश सरकार की ओर से कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने उनका स्वागत किया।
प्रधानमंत्री तोबगे आज अपने अयोध्या प्रवास के दौरान श्रीराम जन्मभूमि मंदिर, हनुमानगढ़ी सहित कई प्रमुख धार्मिक स्थलों पर दर्शन-पूजन करेंगे। उनकी यात्रा को देखते हुए अयोध्या में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। एटीएस, एसटीएफ, पीएसी, सीआरपीएफ, एसएसएफ और सिविल पुलिस की टीमें विभिन्न स्थानों पर तैनात की गई हैं। एयरपोर्ट से लेकर राम मंदिर तक हाईवे की एक लेन यातायात के लिए बंद रखी गई है।
उनके सम्मान में जिला प्रशासन ने विशेष भोज का आयोजन भी किया है। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, भूटान के प्रधानमंत्री दोपहर 1:30 बजे दिल्ली रवाना हो जाएंगे।
भारत-भूटान संबंधों में नया अध्याय
भारत और भूटान के रिश्ते ऐतिहासिक रूप से मित्रतापूर्ण रहे हैं। दोनों देशों के संबंधों की नींव 1865 की सिनचुला संधि से रखी गई थी। सामरिक दृष्टि से भी भूटान भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। हिमालयी क्षेत्र में चीन की सक्रियता को देखते हुए यह दौरा कूटनीतिक दृष्टि से अहम माना जा रहा है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि प्रधानमंत्री तोबगे का अयोध्या दौरा केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और कूटनीतिक दृष्टि से भी ऐतिहासिक है। रामलला के दर्शन से भारत और भूटान के बीच आध्यात्मिक संबंध और प्रगाढ़ होंगे। सनातन परंपरा में हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मावलंबियों की साझा धरोहर को देखते हुए यह यात्रा खास महत्व रखती है।