नई दिल्ली – भारत में तुर्की के उत्पादों के खिलाफ बहिष्कार की मांग तेजी से बढ़ रही है। इसका प्रमुख कारण तुर्की द्वारा पाकिस्तान को खुले तौर पर राजनीतिक समर्थन देना माना जा रहा है। दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध मजबूत रहे हैं, लेकिन हाल की घटनाओं ने इस समीकरण को बदल दिया है।
तुर्की के रवैये से नाराज भारत
हाल ही में तुर्की ने पाकिस्तान का अंतरराष्ट्रीय मंचों पर समर्थन कर भारत की कूटनीतिक भावनाओं को आहत किया है। यह तब हुआ जब भारत ने भूकंप त्रासदी के दौरान तुर्की को मानवीय सहायता भेजी थी। इसके बाद सोशल मीडिया पर तुर्की के खिलाफ बहिष्कार का ट्रेंड छा गया है और व्यापारिक संगठनों ने तुर्की से आयात घटाने के संकेत दिए हैं।
भारत में तुर्की से आयातित प्रमुख उत्पाद
भारत तुर्की से कई उपयोगी वस्तुएं आयात करता है, जिनका घरेलू और औद्योगिक उपयोग बड़े पैमाने पर होता है:
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मार्बल (Marble): भारत में उपयोग होने वाला लगभग 70% मार्बल तुर्की से आता है।
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सेब (Apples): हर साल करीब 1.3 लाख मीट्रिक टन सेब तुर्की से भारत आयात किए जाते हैं।
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फर्नीचर, कालीन, सजावटी वस्तुएं: विशेष रूप से हस्तनिर्मित तुर्की फर्नीचर और कालीन भारतीय ग्राहकों के बीच लोकप्रिय हैं।
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लिनन, सिल्क, मसाले, जैतून का तेल, सूखे मेवे और चेरी: शहरी बाजारों और होटलों में इन उत्पादों की विशेष मांग रहती है।
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हर्बल ड्रिंक्स और टर्किश चाय: खासतौर पर दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों में टर्किश चाय और डिशेज जैसे कुनाफा और कबाब तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं।
भारत-तुर्की व्यापार: 2023-24 के आंकड़े
वित्त वर्ष 2023-24 में भारत और तुर्की के बीच 10.43 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ।
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भारत का निर्यात: $6.65 अरब
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भारत का आयात: $3.78 अरब
हालांकि ताजा राजनीतिक घटनाक्रमों के मद्देनज़र इस व्यापारिक प्रवाह पर असर पड़ सकता है और विशेषज्ञों का मानना है कि भारत कुछ उत्पादों पर आयात प्रतिबंध लगाने पर विचार कर सकता है।
सरकार की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिबंध की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन व्यापारी संगठन तुर्की से नए ऑर्डर लेने से बच रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार आने वाले हफ्तों में इस पर क्या रुख अपनाती है।