असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सिलीगुड़ी कॉरिडोर को लेकर उठने वाली धमकियों पर करारा जवाब दिया है। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि जो लोग बार-बार भारत के ‘चिकन नेक कॉरिडोर’ की कमजोरी की चर्चा करते हैं, उन्हें यह भी याद रखना चाहिए कि बांग्लादेश के पास भी दो ऐसे ‘चिकन नेक’ हैं, जो उससे कहीं ज्यादा कमजोर और असुरक्षित हैं।
क्या है भारत का चिकन नेक कॉरिडोर?
सिलीगुड़ी कॉरिडोर, जिसे ‘चिकन नेक’ कहा जाता है, पश्चिम बंगाल का एक संकरा भू-भाग है, जो भारत की मुख्य भूमि को पूर्वोत्तर के सात राज्यों – असम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा और मेघालय – से जोड़ता है। यह गलियारा नेपाल और बांग्लादेश के बीच स्थित है और अपने सबसे संकरे हिस्से में केवल 22 किलोमीटर चौड़ा है। इसकी रणनीतिक अहमियत के चलते इसे सामरिक हलकों में ‘चिकन नेक’ कहा जाता है।
बांग्लादेश के कमजोर ‘चिकन नेक’
सीएम सरमा ने अपने पोस्ट में कहा कि बांग्लादेश के दो चिकन नेक भारत के मुकाबले कहीं ज्यादा संवेदनशील हैं:
1️⃣ उत्तरी बांग्लादेश कॉरिडोर (80 किलोमीटर लंबा)
यह गलियारा दखिन दिनाजपुर (भारत) से दक्षिण-पश्चिम गारो हिल्स (मेघालय) तक फैला है। यहां किसी भी प्रकार का हमला रंगपुर डिवीजन को बांग्लादेश के बाकी हिस्सों से पूरी तरह काट सकता है।
2️⃣ चटगांव कॉरिडोर (28 किलोमीटर लंबा)
दक्षिण त्रिपुरा से बंगाल की खाड़ी तक जाने वाला यह गलियारा बांग्लादेश की राजधानी (ढाका) और उसकी आर्थिक राजधानी (चटगांव) के बीच संपर्क का एकमात्र रास्ता है। सरमा ने कहा कि यह भारत के चिकन नेक से भी छोटा और कमजोर है।
भारत को धमकियों पर नज़र रखने की सलाह
सीएम सरमा ने साफ कहा कि जो लोग अक्सर सिलीगुड़ी कॉरिडोर की कमजोरी का हवाला देकर भारत को धमकाते हैं, उन्हें बांग्लादेश की भौगोलिक कमजोरियों का भी अध्ययन करना चाहिए।