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Finance

बैंकों की फ्री सर्विस का दौर खत्म! अब पासबुक से लेकर कैश ट्रांजेक्शन तक पर वसूला जा रहा है चार्ज

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नई दिल्ली:
बैंकिंग सेवाएं अब पहले जितनी सुविधाजनक और किफायती नहीं रहीं। बैंक खाता खोलना तो आसान है, लेकिन उसे बनाए रखना अब महंगा सौदा होता जा रहा है। देश के प्रमुख सरकारी और निजी बैंकों ने अब लगभग हर छोटी-बड़ी सेवा पर चार्ज लगाना शुरू कर दिया है — चाहे वह पासबुक अपडेट हो, कैश जमा/निकासी हो या साइन वेरिफिकेशन।


क्या-क्या सेवाएं अब मुफ्त नहीं रहीं?

  • ATM ट्रांजैक्शन:
    महीने में 5 बार से ज़्यादा ATM से पैसे निकालने पर ₹23 प्रति ट्रांजैक्शन का चार्ज लग रहा है।

  • कैश जमा/निकासी:
    3 बार तक ही फ्री — इसके बाद ₹150 प्रति बार तक का चार्ज।
    1 लाख रुपये से अधिक कैश जमा करने पर भी लगेगा एक्स्ट्रा चार्ज।

  • पासबुक अपडेट, डुप्लीकेट पासबुक:
    ब्रांच में जाकर पासबुक अपडेट कराना या डुप्लीकेट पासबुक बनवाना अब फ्री नहीं — ₹100 तक वसूला जा रहा है।

  • साइन वेरिफिकेशन/मोबाइल नंबर अपडेट:
    साइन वेरिफिकेशन पर ₹100–₹150 और मोबाइल या ईमेल अपडेट पर ₹50 + GST।

  • चेक रोकने पर चार्ज:
    ₹200 प्रति रिक्वेस्ट।

  • IMPS ट्रांजैक्शन:
    15 अगस्त से SBI ₹25,000 से ऊपर के IMPS ट्रांजैक्शन पर ₹2–₹10 का चार्ज वसूलने जा रहा है, साथ में लगेगा GST।

  • क्रेडिट कार्ड फायदे कम:
    SBI ने अपने प्राइम और पल्स कार्ड पर मिलने वाला ₹50 लाख का एयर एक्सीडेंट कवर 15 जुलाई से बंद कर दिया है।


ग्राहकों के लिए सलाह:

बैंक ग्राहक अब हर ट्रांजैक्शन या सर्विस के लिए चार्ज देने को मजबूर हैं। ऐसे में:

  • बैंक की सर्विस चार्ज लिस्ट ध्यान से पढ़ें।

  • ज्यादा से ज्यादा डिजिटल मोड (UPI, NetBanking) का इस्तेमाल करें।

  • जिन सेवाओं पर फ्री विकल्प उपलब्ध हैं, उनका लाभ उठाएं।

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