Shopping cart

Subtotal: $4398.00

View cart Checkout

Magazines cover a wide subjects, including not limited to fashion, lifestyle, health, politics, business, Entertainment, sports, science,

देश विदेश

Attari-Wagah Border: कल से फिर शुरू होगी बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी, लेकिन नहीं दिखेगा यह दो अहम दृश्य

Blog Image
126k 12k

अटारी-वाघा बॉर्डर, 20 मई 2025 — भारत-पाकिस्तान सीमा पर एक बार फिर से बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी (Beating Retreat Ceremony) की शुरुआत होने जा रही है। 7 मई को सुरक्षा कारणों से रोकी गई यह सेरेमनी अब मंगलवार से दोबारा शुरू की जाएगी, लेकिन इस बार इसमें दो बड़े बदलाव किए गए हैं, जो दर्शकों को खल सकते हैं।

क्या रहेंगे बदलाव?

  1. दरवाजे नहीं खुलेंगे: परंपरा के विपरीत, भारत की तरफ से बॉर्डर गेट नहीं खोले जाएंगे।

  2. हैंडशेक नहीं होगा: दोनों देशों के सैनिक एक-दूसरे से हाथ नहीं मिलाएंगे, जो इस सेरेमनी का एक अहम प्रतीक रहा है।

दर्शकों को मिली इजाजत, लेकिन उत्सव फीका

भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाली इस ऐतिहासिक परेड को देखने के लिए हमेशा भारी भीड़ उमड़ती है। बीएसएफ (BSF) और पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम देशभक्ति और अनुशासन का प्रतीक माना जाता है। हालांकि, इस बार सीमित स्केल पर होने जा रही सेरेमनी में गेट बंद रहने और हाथ मिलाने की रस्म न होने से दर्शकों को कुछ कमी महसूस होगी।

क्यों हुई थी सेरेमनी रद्द?

6-7 मई की रात को पहल्गाम आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके (PoK) में स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी। इसके बाद 7 मई को BSF ने सीमा पर आयोजित होने वाली बीटिंग रिट्रीट को रद्द कर दिया था।

किसानों को मिली राहत

सिर्फ सेरेमनी ही नहीं, भारत-पाकिस्तान सीमा पर खेती करने वाले पंजाब के किसानों को भी बड़ी राहत मिली है। अब किसान 20 मई से फिर से कांटेदार तार पार कर अपने खेतों तक जा सकेंगे
पंजाब सरकार के मंत्री कुलदीप धालीवाल ने जानकारी दी कि BSF से बातचीत के बाद यह रास्ता खोला गया है।

“पाकिस्तान की तरफ से फायरिंग के चलते किसानों को नुकसान हो रहा था। अब वे फिर से खेती कर सकेंगे।” — कुलदीप धालीवाल, मंत्री

हालात सामान्य होने की ओर

भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को सैन्य हमले रोकने पर सहमति बनी थी। इसके बाद से सीमा पर स्थितियां धीरे-धीरे सामान्य हो रही हैं। सेरेमनी की वापसी और किसानों को खेती की अनुमति इसी दिशा में एक सकारात्मक कदम मानी जा रही है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Post