SBI और बैंक ऑफ इंडिया के बाद तीसरी बड़ी कार्रवाई; RCom पर ₹1656 करोड़ बकाया
अनिल अंबानी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और बैंक ऑफ इंडिया (BOI) के बाद अब बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) ने भी उन्हें फ्रॉड घोषित कर दिया है। बैंक का दावा है कि उनकी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCOM) पर करीब ₹1656 करोड़ का बकाया है।
12 साल पुराना मामला, 2017 से लोन अटका
बैंक ऑफ बड़ौदा ने RCom को 1,600 करोड़ और 862.50 करोड़ रुपए की लाइन ऑफ क्रेडिट दी थी। कुल लोन 2,462.50 करोड़ रुपए था, जिसमें से 28 अगस्त तक 1,656.07 करोड़ रुपए बकाया है। यह खाता 5 जून 2017 से NPA (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) घोषित है।
RCOM प्रवक्ता का कहना है कि यह मामला 12 साल पुराना है और अनिल अंबानी 2006 से 2019 तक केवल नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर थे। कंपनी का दावा है कि उनका दैनिक संचालन या फैसलों से कोई संबंध नहीं था और सभी आरोप बेबुनियाद हैं।
बैंकिंग कानून और असर
बैंकिंग नियमों के अनुसार, किसी खाते को फ्रॉड घोषित होते ही मामला प्रवर्तन एजेंसियों (ED, CBI) के पास भेजा जाता है। साथ ही, कर्जदार को अगले 5 साल तक नया फंड जारी नहीं होता।
रिलायंस कम्युनिकेशंस पर कुल ₹40,400 करोड़ (मार्च 2025 तक) का कर्ज है। कंपनी 2019 से दिवालिया प्रक्रिया में है और SBI की अगुआई वाली कर्जदाता समिति ने 2020 में रेजोल्यूशन प्लान मंजूर किया था, लेकिन केस अभी कोर्ट में अटका हुआ है।
ताजा कार्रवाई: CBI और ED की जांच
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23 अगस्त को CBI ने ₹2,929 करोड़ के बैंक फ्रॉड मामले में RCom और अनिल अंबानी पर केस दर्ज किया। इसी दौरान मुंबई स्थित कंपनी ऑफिस और अंबानी के घर पर छापेमारी भी की गई।
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23 जुलाई को ED ने यस बैंक से जुड़े ₹3,000 करोड़ लोन फ्रॉड केस में रिलायंस ग्रुप के 35 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की थी।
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इसके अलावा, अनिल अंबानी के खिलाफ व्यक्तिगत दिवालिया कार्यवाही भी मुंबई NCLT में लंबित है।
रिलायंस पावर का बयान
रिलायंस पावर ने शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा कि बैंक ऑफ बड़ौदा की कार्रवाई से उसके ट्रेड ऑपरेशन या फाइनेंशियल परफॉर्मेंस पर कोई असर नहीं पड़ेगा। कंपनी ने साफ किया कि अनिल अंबानी साढ़े तीन साल से ज्यादा समय से बोर्ड में शामिल नहीं हैं।