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राज्य

अमरनाथ यात्रा स्थगित: बालटाल रूट पर भूस्खलन से महिला श्रद्धालु की मौत, तीन घायल

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पहलगाम और बालटाल दोनों बेस कैंप से 17 जुलाई की यात्रा रोक दी गई | प्रशासन ने सुरक्षा को प्राथमिकता दी 

हादसे का विवरण:

श्री अमरनाथ यात्रा को लेकर आज एक दुखद खबर सामने आई है। जम्मू-कश्मीर के गंदेरबल जिले में स्थित बालटाल रूट पर बुधवार रात भूस्खलन की एक गंभीर घटना हुई, जिसमें एक महिला श्रद्धालु की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य श्रद्धालु घायल हो गए हैं।
प्रशासन और सुरक्षाबलों ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया, और घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया।


सुरक्षा के चलते यात्रा स्थगित:

गंभीर मौसम और लैंडस्लाइड की चेतावनी के मद्देनज़र, 17 जुलाई 2025 की अमरनाथ यात्रा को पूरी तरह से रोक दिया गया है।
दोनों बेस शिविर — बालटाल और पहलगाम से कोई भी जत्था रवाना नहीं किया गया।
यह निर्णय श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए लिया गया है।


प्रशासन का बयान:

गंदेरबल ज़िला प्रशासन ने एक आधिकारिक बयान में कहा:

"भूस्खलन के कारण बालटाल मार्ग अस्थायी रूप से अवरुद्ध है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। मौसम में सुधार और मार्ग साफ़ होने के बाद ही यात्रा दोबारा शुरू की जाएगी।"


मौसम बना चुनौती:

  • पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश के कारण पहाड़ी रास्तों पर मिट्टी खिसकने की घटनाएं बढ़ गई हैं।

  • मौसम विभाग ने भी आने वाले 48 घंटों के लिए भूस्खलन और भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।


राहत और सहायता:

  • घटनास्थल पर ITBP, CRPF, पुलिस और SDRF की टीमें मौजूद हैं।

  • घायल श्रद्धालुओं को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

  • मृत महिला श्रद्धालु की पहचान की जा रही है; प्रशासन परिजनों से संपर्क कर रहा है।


श्रद्धालुओं से अपील:

प्रशासन ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे सरकारी निर्देशों का पालन करें, अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी जानकारी के लिए अधिकृत हेल्पलाइन से संपर्क करें।


अमरनाथ यात्रा का महत्व:

श्री अमरनाथ गुफा मंदिर भगवान शिव का पवित्र धाम है, जहां हज़ारों श्रद्धालु हर साल कठिन यात्रा करके हिमलिंग के दर्शन करने पहुंचते हैं। यह यात्रा जून से अगस्त के बीच होती है, और हर साल लाखों श्रद्धालु इसमें हिस्सा लेते हैं।


आगे क्या?

  • मौसम की स्थिति का जायजा लेने के बाद यात्रा की अगली तिथि घोषित की जाएगी।

  • यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे यात्रा पुनः आरंभ होने तक अपने बेस कैंप पर ही रहें।

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