अमोल मिटकरी ने अंजना कृष्णा की योग्यता और जाति पर उठाए सवाल, विपक्ष और सामाजिक कार्यकर्ताओं का विरोध तेज
महाराष्ट्र की राजनीति इन दिनों एक वीडियो और उससे जुड़े विवाद को लेकर गरमा गई है। वीडियो में उपमुख्यमंत्री अजित पवार सोलापुर (ग्रामीण) की डिप्टी एसपी अंजना कृष्णा को फटकार लगाते हुए नजर आ रहे हैं। जो मामला महज एक नोकझोंक के तौर पर शुरू हुआ था, अब बड़ा राजनीतिक विवाद बन चुका है।
अमोल मिटकरी का UPSC को पत्र
इस विवाद की नई कड़ी में, अजित पवार गुट के एनसीपी एमएलसी अमोल मिटकरी ने UPSC को पत्र लिखकर अंजना कृष्णा की शैक्षणिक योग्यता, जाति प्रमाणपत्र और अन्य दस्तावेजों की जांच की मांग की है। आलोचकों का आरोप है कि यह कदम एक महिला अधिकारी को दबाव में लाने और परेशान करने की कोशिश है।
सामाजिक कार्यकर्ताओं का समर्थन
सामाजिक कार्यकर्ता अंजली दमानिया अंजना कृष्णा के समर्थन में खुलकर सामने आई हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी को इसलिए टारगेट किया जा रहा है क्योंकि उन्होंने अवैध रेत खनन और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई की।
दमानिया ने चेतावनी दी कि अगर अधिकारी को डराने-धमकाने का प्रयास जारी रहा, तो वह अदालत का दरवाजा खटखटाने से पीछे नहीं हटेंगी। उन्होंने तीखा हमला करते हुए कहा, “ये नेता तो आईपीएस अफसर का जूता भी साफ करने लायक नहीं हैं, अफसोस कि आज सत्ता इनके हाथ में है।”
विपक्ष का हमला
कांग्रेस नेता यशोमती ठाकुर ने अमोल मिटकरी के पत्र को “शर्मनाक” करार दिया। उन्होंने सवाल उठाया कि अचानक अंजना कृष्णा की जाति और दस्तावेजों पर सवाल क्यों खड़े किए जा रहे हैं। ठाकुर ने कहा कि यह उस पार्टी के नेताओं के लिए शोभा नहीं देता, जो शिवाजी, शाहू, फुले और अंबेडकर के आदर्शों की दुहाई देते हैं।
अजित पवार की सफाई
बढ़ते विवाद के बीच उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि उनका इरादा कानून प्रवर्तन में दखल देने का नहीं था, बल्कि केवल “तनावपूर्ण स्थिति को कम करने की कोशिश” कर रहे थे।
पवार ने कहा कि वह कानून के शासन और पुलिस बल के प्रति सम्मान रखते हैं, जिसमें महिला अधिकारी भी शामिल हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अवैध खनन जैसी गतिविधियों पर कानून के मुताबिक सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
वीडियो क्लिप से शुरू हुआ विवाद
क्षेत्रीय चैनलों पर वायरल वीडियो में पवार को करमाला की एसडीपीओ अंजना कृष्णा से एक राकांपा कार्यकर्ता के फोन पर बात करते हुए दिखाया गया है। शुरुआत में कृष्णा पवार की आवाज पहचान नहीं सकीं, जिसके बाद पवार ने वीडियो कॉल कर उनसे कथित तौर पर कार्रवाई रोकने को कहा।