मुंबई: राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने तस्करी के खिलाफ एक बड़ी सफलता हासिल की है। न्हावा शेवा बंदरगाह पर "ऑपरेशन फायर ट्रेल" के तहत कार्रवाई करते हुए 35 करोड़ रुपये मूल्य के चीनी पटाखे जब्त किए गए हैं। ये पटाखे गैरकानूनी रूप से 100 मीट्रिक टन वजन में आयात किए जा रहे थे।
जांच में पता चला है कि यह खेप कांडला विशेष आर्थिक क्षेत्र (KASEZ) की एक इकाई और कुछ आईईसी (Import Export Code) धारकों के नाम पर आयात की गई थी। तस्करी को छुपाने के लिए इन खतरनाक पटाखों को "मिनी सजावटी पौधे", "कृत्रिम फूल" और "प्लास्टिक मैट" जैसी सामानों के रूप में गलत तरीके से घोषित किया गया था।
तस्करी का तरीका:
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चीनी पटाखों को कंटेनरों में भरकर सामान्य सजावटी और घरेलू वस्तुओं के रूप में घोषित किया गया।
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उद्देश्य था कि कस्टम विभाग को धोखा देकर इन पटाखों को भारत में लाया जा सके।
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डीआरआई ने विशिष्ट खुफिया सूचना के आधार पर समय रहते कार्रवाई की और इस खतरनाक तस्करी को रोक लिया।
क्यों खतरनाक है पटाखों की अवैध तस्करी?
भारत में विदेशी पटाखों पर प्रतिबंध है क्योंकि इनमें अनियमित बारूद होता है जो आग, विस्फोट और प्रदूषण का खतरा बढ़ाता है। इसके अलावा ये राष्ट्रीय सुरक्षा और पर्यावरण के लिए भी जोखिम पैदा करते हैं।
आगे की कार्रवाई
डीआरआई ने अब इस मामले में शामिल सभी आयातकों, एजेंटों और संबंधित संस्थाओं की जांच शुरू कर दी है। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि क्या इसमें कोई सिंडिकेट या अंतरराष्ट्रीय गिरोह शामिल था।