इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र में अपने भाषण के दौरान अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने कड़ा रुख अपनाया।
उन्होंने कहा कि इजरायल को गाजा में हमास के खिलाफ ‘काम खत्म करना ही होगा’ और इस विनाशकारी युद्ध को रोकने का उनका कोई इरादा नहीं है।
जैसे ही नेतन्याहू ने भाषण देना शुरू किया, कई देशों के प्रतिनिधि हॉल से सामूहिक वॉकआउट कर गए। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल वहीं मौजूद रहा, जिसने पहले हमास के खिलाफ नेतन्याहू के अभियान में समर्थन दिया था। भाषण के दौरान हॉल में हल्का शोर भी सुनाई दे रहा था।
नेतन्याहू ने पश्चिमी नेताओं पर दबाव में झुकने का आरोप लगाते हुए कहा, “मैं आपको गारंटी देता हूं, इजरायल ऐसा नहीं करेगा।” उन्होंने हाल ही में कुछ देशों द्वारा फिलिस्तीन को मान्यता देने के फैसलों पर भी कड़ा रुख अपनाया और कहा कि यह फैसला यहूदियों और निर्दोष लोगों के खिलाफ आतंकवाद को बढ़ावा देगा।
अपने भाषण के दौरान नेतन्याहू ने आलोचकों पर आरोप जारी रखा और कहा, “यहूदी-विरोधी भावना मुश्किल से मरती है। वास्तव में, यह बिल्कुल नहीं मरती।” उन्होंने अपने सूट जैकेट पर QR कोड दिखाया और एक बहुविकल्पीय प्रश्न बोर्ड के माध्यम से दर्शकों से संवाद किया।
नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बार-बार प्रशंसा करते हुए क्षेत्र में अपने राजनीतिक और सैन्य दृष्टिकोण को रेखांकित किया। इस बीच, इजरायली सेना ने गाजा के निवासियों और हमास सदस्यों के मोबाइल फोन भी अपने कब्जे में ले लिए और भाषण का प्रसारण इन मोबाइल्स के माध्यम से किया गया।
इस भाषण के जरिए नेतन्याहू ने अंतरराष्ट्रीय अलगाव, युद्ध अपराधों के आरोपों और बढ़ते दबाव के बावजूद अपनी नीति का समर्थन किया और गाजा संघर्ष को समाप्त करने के लिए किसी समझौते का संकेत नहीं दिया। यह भाषण उनके लिए अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपने दृष्टिकोण और नीति का बचाव करने का सबसे बड़ा अवसर था।