हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन (श्रावण) मास भगवान भोलेनाथ (शिवजी) को समर्पित होता है। इस महीने के हर सोमवार को "सावन सोमवार" कहा जाता है, जो शिवभक्तों के लिए आस्था, तप और भक्ति का विशेष पर्व होता है। इस साल 2025 में सावन की शुरुआत 10 जुलाई से है और पहला सावन सोमवार 14 जुलाई को पड़ रहा है।
सावन सोमवार 2025 की तिथियां (उत्तर भारत के अनुसार)
सोमवार | तारीख |
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पहला सावन सोमवार | 14 जुलाई 2025 |
दूसरा सावन सोमवार | 21 जुलाई 2025 |
तीसरा सावन सोमवार | 28 जुलाई 2025 |
चौथा सावन सोमवार | 4 अगस्त 2025 |
(पंचम) अंतिम सावन सोमवार | 11 अगस्त 2025 |
सावन सोमवार का महत्व
सावन सोमवार के दिन भोलेनाथ को जल, बेलपत्र, धतूरा, भस्म और भोग अर्पित कर पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस व्रत से:
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कुंवारी कन्याओं को योग्य वर की प्राप्ति होती है
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विवाहित स्त्रियों को सुखद वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है
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कठिन रोग, कर्ज़ और जीवन की बाधाएं दूर होती हैं
पूजा का शुभ मुहूर्त (14 जुलाई 2025 के लिए)
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ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:15 बजे – 5:00 बजे
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पूजा का समय: सूर्योदय से दोपहर 12:00 बजे तक
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रुद्राभिषेक का समय: 6:00 बजे – 8:30 बजे (स्थानीय पंचांग अनुसार जांचें)
व्रत और पूजन विधि
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सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें
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घर या मंदिर में शिवलिंग का अभिषेक करें
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जल, दूध, शहद, दही और घी से पंचामृत बनाकर शिवजी का रुद्राभिषेक करें
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बेलपत्र, आक, धतूरा, शमीपत्र, गंगा जल, फूल, मिठाई आदि अर्पित करें
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"ॐ नमः शिवाय" और महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करें
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व्रत रखने वाले दिन एक समय फलाहार करें या निराहार व्रत रखें
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शाम को शिव आरती और कथा का पाठ करें
सावन सोमवार की पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, समुद्र मंथन के समय जब कालकूट विष निकला तो पूरी सृष्टि संकट में आ गई। तब भगवान शिव ने सृष्टि की रक्षा के लिए उस विष को अपने कंठ में समाहित कर लिया, जिससे वे नीलकंठ कहलाए। यह घटना श्रावण मास में हुई थी। इसलिए इस मास और सोमवार का विशेष महत्व है।
भक्तों की तैयारियां जोरों पर
देशभर के मंदिरों में सावन सोमवार को लेकर विशेष तैयारी की जा रही है। काशी, उज्जैन, हरिद्वार, देवघर, अमरनाथ, त्र्यंबकेश्वर, बैद्यनाथ, सोमनाथ जैसे शिवधामों में लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा भोलेनाथ के दर्शन के लिए उमड़ते हैं।