नई दिल्ली। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह 7 अक्टूबर 2025 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित ‘देश में रक्षा विनिर्माण के अवसर’ विषयक राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे।
यह सम्मेलन रक्षा मंत्रालय (एमओडी) के रक्षा उत्पादन विभाग के तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य देश में रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता (Aatmanirbharta) को बढ़ावा देना और राष्ट्रीय लक्ष्यों को राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों की औद्योगिक नीतियों और बुनियादी ढांचे से जोड़ना है।
रक्षा मंत्रालय और राज्यों के बीच समन्वय को मिलेगा नया आयाम
यह सम्मेलन रक्षा मंत्रालय और विभिन्न राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों के बीच समन्वय को मजबूत करने के लिए एक साझा मंच प्रदान करेगा। इसमें राज्यों के उद्योग विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, रक्षा क्षेत्र के उद्योगपति, विशेषज्ञ और नीति निर्माता शामिल होंगे।
‘डिफेंस एक्सिम पोर्टल’ और ‘डीईईपी प्लेटफॉर्म’ का शुभारंभ
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस अवसर पर दो महत्वपूर्ण डिजिटल पहलें लॉन्च करेंगे —
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डिफेंस एक्सिम पोर्टल (Defence EXIM Portal):
यह पोर्टल रक्षा क्षेत्र में निर्यात और आयात प्राधिकरण जारी करने की प्रक्रिया को डिजिटल रूप से सुव्यवस्थित करेगा, जिससे पारदर्शिता और गति दोनों बढ़ेंगी। -
डीईईपी (DEEP – Defence Establishments and Entrepreneurs Platform):
यह पोर्टल भारतीय रक्षा उद्योग की क्षमताओं और उत्पादों का एक डिजिटल संग्रह (Digital Repository) होगा, जो उद्योग, उद्यमियों और निवेशकों के लिए एक उपयोगी मंच बनेगा।
दो प्रमुख प्रकाशनों का विमोचन
सम्मेलन के दौरान दो प्रमुख प्रकाशनों का भी विमोचन किया जाएगा —
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‘Aerospace and Defence Sector Policy Compendium of States and Union Territories’ — राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की रक्षा नीति का संकलन।
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आईडीईएक्स कॉफी टेबल बुक – ‘Shared Horizons of Innovation’ — रक्षा नवाचारों और स्टार्टअप्स की उपलब्धियों पर आधारित विशेष प्रकाशन।
रक्षा विनिर्माण और स्वदेशीकरण पर फोकस
सम्मेलन में रक्षा विनिर्माण ईकोसिस्टम को आगे बढ़ाने में राज्यों की भूमिका पर चर्चा की जाएगी। साथ ही स्वदेशीकरण (Indigenisation), रक्षा निर्यात (Defence Exports) और निवेश प्रोत्साहन जैसे प्रमुख मुद्दों पर भी विचार-विमर्श होगा।
यह सम्मेलन देश में रक्षा क्षेत्र के लिए एक मजबूत औद्योगिक आधार (Defence Industrial Base) तैयार करने और भारत को वैश्विक रक्षा निर्माण केंद्र (Global Defence Manufacturing Hub) बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।