गुवाहाटी। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने असम प्रवास के दौरान विश्व प्रसिद्ध काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और चाय बागानों का भ्रमण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश और असम के बीच वन्यजीव पर्यटन और ईको-टूरिज्म के क्षेत्र में परस्पर सहयोग और साझेदारी को नई दिशा दी जाएगी।
चाय उद्योग असम का गौरव और अर्थव्यवस्था का प्रतीक
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने चाय बागान में चाय उत्पादन की प्रक्रिया का अवलोकन किया और स्थानीय किसानों व श्रमिक बहनों से आत्मीय संवाद किया। उन्होंने कहा कि “चाय उद्योग असम की मेहनत, सादगी और अपनत्व का प्रतीक है।”
उन्होंने बताया कि दोनों राज्यों के बीच व्यापार, उद्योग, ईको-टूरिज्म और वन्यजीव संरक्षण जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए विशेष पहल की जाएगी।
काजीरंगा में वन्यजीव संरक्षण का अवलोकन
मुख्यमंत्री ने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में वन्यजीव संरक्षण और प्राकृतिक सौंदर्य की झलक देखी। उन्होंने हाथियों को गन्ना खिलाकर स्नेहपूर्वक दुलार किया और उद्यान में वन्यजीव संरक्षण से जुड़े नवाचारों की जानकारी ली।
भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री ने एक अजगर को उसके प्राकृतिक आवास में छोड़ा, जो पर्यावरण संरक्षण के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
यूनेस्को विश्व धरोहर : काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान एक सींग वाले गैंडे सहित पूर्वी हिमालयी जैव विविधता का प्रमुख केंद्र है। इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है।
यह उद्यान हाथियों, जंगली भैंसों, दलदली हिरणों और अनेक दुर्लभ पक्षी प्रजातियों का प्राकृतिक आश्रय स्थल है और वन्यजीव संरक्षण गतिविधियों के लिए विश्व प्रसिद्ध है।
मुख्यमंत्री का संदेश
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश और असम दोनों राज्यों की प्राकृतिक धरोहरें, सांस्कृतिक समृद्धि और पर्यटन संभावनाएं एक-दूसरे को और सशक्त बना सकती हैं।
“हम वन्यजीव संरक्षण, इको-टूरिज्म और सतत विकास के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रकृति और जैव विविधता संरक्षित रहे।”