चंडीगढ़, 28 जून 2025 — पंजाब की भगवंत मान सरकार ने राज्य की जेलों में चल रहे भ्रष्टाचार और आपराधिक नेटवर्क पर लगाम कसने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने प्रदेश भर के 25 जेल अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। इस कार्रवाई को राज्य सरकार ने “कामकाज में पारदर्शिता और सुधार” के तहत बताया है, लेकिन सूत्रों का मानना है कि यह जेलों में फैले भ्रष्टाचार और नशा तस्करी नेटवर्क के खिलाफ सरकार का निर्णायक वार है।
कौन-कौन अधिकारी सस्पेंड किए गए?
सरकार द्वारा निलंबित किए गए अधिकारियों में:
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3 डिप्टी सुपरिंटेंडेंट्स
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2 असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट्स
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अन्य 20 जेल कर्मचारी
शामिल हैं। इन सभी पर आरोप है कि ये जेल में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे थे, और अवैध गतिविधियों से जुड़े गिरोहों की मदद कर रहे थे।
लगातार मिल रही थीं शिकायतें
राज्य सरकार को जेलों के भीतर से लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि कुछ अधिकारी गैंगस्टरों और नशा तस्करों को अंदर से संरक्षण दे रहे हैं। आरोप यह भी है कि ये अधिकारी मोबाइल फोन, ड्रग्स और अन्य सुविधाएं जेल के अंदर पहुंचाने में मदद कर रहे थे। कई मामलों में अधिकारियों और अपराधियों के बीच सांठगांठ की पक्की जानकारी भी सामने आई थी।
सरकार का बयान: “सुधार के लिए जरूरी कदम”
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया:
“यह कदम जेल व्यवस्था को साफ-सुथरा और पारदर्शी बनाने के लिए उठाया गया है। इन अधिकारियों के कारण जेलों में भ्रष्टाचार फैल रहा था और आपराधिक नेटवर्क को पनपने का मौका मिल रहा था। हमारी सरकार ऐसी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेगी।”
जानकारों की राय: ड्रग्स और गैंग नेटवर्क पर लगाम
विशेषज्ञों का मानना है कि इस कार्रवाई से न केवल जेलों के कामकाज में सुधार होगा, बल्कि यह ड्रग्स और गैंग नेटवर्क को भी कमजोर करेगा, जो जेल के अंदर से संचालित किए जा रहे थे। पंजाब में पहले भी कई रिपोर्ट्स सामने आ चुकी हैं जिनमें दिखाया गया था कि जेलें अपराधियों के लिए सेफ हाउस बन चुकी थीं।
पहले भी उठाए गए हैं कड़े कदम
पंजाब सरकार ने हाल के महीनों में जेल सुधारों के तहत कई पहल की हैं, जिनमें:
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जेलों में मोबाइल जैमर लगाना
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सीसीटीवी निगरानी को सख्त करना
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जेल अधिकारियों की कार्यप्रणाली की जांच
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गैंगस्टरों की हाई-सिक्योरिटी जेलों में शिफ्टिंग
शामिल हैं।
असर: पारदर्शिता की ओर एक बड़ा कदम
सरकार को उम्मीद है कि इस सख्त कदम के बाद जेलों की कार्यप्रणाली में सुधार आएगा और भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों को स्पष्ट संदेश मिलेगा कि अब कोई ढील नहीं बरती जाएगी।