नेपाल में सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शनों और जेलों पर हमलों के बीच हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। मंगलवार से शुरू हुई हिंसा में अब तक दो दर्जन से अधिक जेलों से 15,000 से ज्यादा कैदी फरार हो चुके हैं। रामेछाप जेल में सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प के दौरान तीन कैदियों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं। जेल तोड़ने की घटनाओं ने नेपाल ही नहीं, बल्कि भारत के सीमावर्ती राज्यों में भी सुरक्षा व्यवस्था को संकट में डाल दिया है।
भारत में गिरफ्तारियां
सशस्त्र सीमा बल (SSB) ने बढ़ी सतर्कता के बीच नेपाल से भागे 35 कैदियों को भारत में गिरफ्तार किया है। इनमें से 22 उत्तर प्रदेश, 10 बिहार और 3 पश्चिम बंगाल में पकड़े गए। सभी को सीमा चौकियों पर अलग-अलग रखा गया है। SSB के अधिकारियों ने बताया कि भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है और गश्त तथा चेकिंग तेज कर दी गई है। संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए गुप्त सूचनाएं जुटाई जा रही हैं।
सीमा पर कड़ी निगरानी
भारत-नेपाल सीमा की लंबाई 1,751 किलोमीटर है, जो उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और सिक्किम से होकर गुजरती है। गृह मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत SSB ने सीमा पर अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है ताकि भगोड़े कैदी भारतीय इलाकों में घुसपैठ न कर सकें। अधिकारियों ने कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सभी बॉर्डर एंट्री प्वाइंट पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
हिंसा और अराजकता की वजह
नेपाल में हिंसा तब भड़की जब प्रदर्शनकारियों ने जेलों पर हमला कर प्रशासनिक भवनों में आग लगाई और दरवाजे तोड़ दिए। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, कास्की जिला कारागार से अकेले 773 कैदी भाग निकले, जिनमें 13 भारतीय नागरिक और 4 विदेशी भी शामिल हैं। रामेछाप जेल में गैस सिलेंडर में विस्फोट कर भागने की कोशिश की गई, जिसके बाद सुरक्षा बलों की गोलीबारी में तीन कैदियों की मौत हो गई।
राजनीतिक संकट
हिंसा के बीच नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने मंगलवार को इस्तीफा दिया। इसके बाद सेना ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए विभिन्न प्रांतों में प्रतिबंध लगा दिए। हालात पर काबू पाने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए जा रहे हैं।
आगे की रणनीति
भारत में SSB ने सीमा सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए लगातार गश्त और निगरानी बढ़ा दी है। सीमा से सटे राज्यों में अलर्ट जारी कर दिया गया है और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है।