मध्यप्रदेश में संक्रामक बीमारी मेलियोइडोसिस को लेकर नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) ने अलर्ट जारी किया है। यह बीमारी बरसात और नमी के मौसम में मिट्टी और पानी में पाए जाने वाले बर्कहोल्डेरिया स्यूडोमेलाई बैक्टीरिया के जरिए फैलती है। विशेषज्ञों के अनुसार यह रोग डायबिटीज, किडनी के मरीजों और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों के लिए जानलेवा हो सकता है।
बीमारी के हालात और प्रभावित राज्य
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मेलियोइडोसिस को उभरती हुई उपेक्षित बीमारियों की सूची में शामिल किया है। भारत में इस समय इसके नए हॉटस्पॉट मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा बन रहे हैं। एम्स भोपाल की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले छह सालों में प्रदेश के 20 जिलों से 130 से अधिक केस सामने आए हैं।
-
हर 10 मरीजों में लगभग 4 की मौत हो रही है।
-
लक्षण अक्सर टीबी जैसे लगते हैं, जिससे मरीजों को गलत इलाज मिलता है और संक्रमण पूरे शरीर में फैल जाता है।
-
हाल ही में भोपाल, सागर और इंदौर के अस्पतालों से 14 नए केस सामने आए हैं।
मेलियोइडोसिस के लक्षण
-
अचानक तेज बुखार और सेप्सिस (खून का संक्रमण)
-
कम्युनिटी-एक्वायर्ड न्यूमोनिया (फेफड़ों का संक्रमण)
-
त्वचा और मुलायम ऊतक में संक्रमण
-
लिवर, प्लीहा, प्रोस्टेट या पैरोटिड ग्रंथि में गहरे फोड़े (Abscess)
-
हड्डियों और जोड़ों में संक्रमण (ऑस्टियोमायलाइटिस, सेप्टिक आर्थ्राइटिस)
-
लंबे समय में टीबी जैसे लक्षण — वजन घटना, खांसी, बुखार, फेफड़ों में इन्फेक्शन
जांच और पुष्टि
एम्स भोपाल ने बताया कि मेलियोइडोसिस की पुष्टि के लिए निम्नलिखित परीक्षण किए जा सकते हैं:
-
खून, पस, थूक, यूरिन या सीएसएफ (रीढ़ का तरल) का सैंपल
-
ब्लड एगर, मैककॉनकी या ऐशडाउन मीडियम पर कल्चर टेस्ट
-
माइक्रोस्कोप में सुरक्षा-पिन जैसे धब्बे (Safety-pin staining)
-
ऑक्सीडेज पॉजिटिव और अमिनोग्लाइकोसाइड्स/पोलिमिक्सिन रेसिस्टेंट बैक्टीरिया
-
पीसीआर टेस्ट (जहां संभव हो)
बचाव और सावधानी
-
खेत में काम करते समय जूते और दस्ताने पहनें
-
खुले घाव को मिट्टी और पानी से बचाकर रखें
-
संदिग्ध लक्षण पर तुरंत जांच करवाएं
-
समय पर एंटीबायोटिक उपचार लें और डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा पूरी करें
एम्स विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि किसी को 2–3 हफ्तों से अधिक बुखार है, एंटी-टीबी दवा से लाभ नहीं हो रहा या बार-बार फोड़े बन रहे हैं, तो तुरंत मेलियोइडोसिस की जांच कराएं, क्योंकि समय पर इलाज जीवन बचा सकता है।