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मध्य प्रदेश

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 13 जिलों के किसानों को दी 653.34 करोड़ की राहत राशि, बोले — “किसानों की मुस्कान ही हमारी असली दीपावली”

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भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं और कीट प्रकोप से प्रभावित किसानों को बड़ी राहत दी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन से वर्चुअल रूप से 13 जिलों के 8.84 लाख किसानों को कुल 653.34 करोड़ रुपये की राहत राशि उनके बैंक खातों में सिंगल क्लिक के माध्यम से अंतरित की।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा — “किसानों की सेवा ही भगवान की सेवा है। चाहे बाढ़ हो, ओलावृष्टि हो या कीट प्रकोप, राज्य सरकार हर संकट की घड़ी में किसानों के साथ है। जब तक आखिरी पीड़ित किसान को सहायता राशि नहीं मिल जाती, हमारी सरकार चैन से नहीं बैठेगी।”


किसे कितनी राहत मिली

मुख्यमंत्री ने बताया कि राहत राशि में —

  • 3.90 लाख बाढ़ प्रभावित किसानों को 331.34 करोड़ रुपये,

  • 4.94 लाख पीला मोजेक से प्रभावित किसानों को 322 करोड़ रुपये दिए गए हैं।

राज्य के इतिहास में यह पहली बार है जब सोयाबीन फसल में पीला मोजेक रोग से प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि प्रदान की गई है।


“खोई मुस्कान लौटाना हमारी प्राथमिकता”

डॉ. यादव ने कहा कि सरकार ने पारदर्शी तरीके से फसल सर्वे कर राहत राशि देने का कार्य किया है।
उन्होंने बताया कि अब तक धान उत्पादक 6.69 लाख किसानों को 337 करोड़ रुपये, और सोयाबीन किसानों के लिए भावांतर योजना भी लागू की जा चुकी है।

“हम किसानों का कोई नुकसान नहीं होने देंगे। आपकी मेहनत हरियाली और समृद्धि का रूप लेकर प्रदेश को फिर से हरा-भरा करेगी,” — मुख्यमंत्री ने कहा।


 किसानों ने जताया आभार

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किसानों से संवाद किया। किसानों ने राहत राशि मिलने पर कहा —
“मुख्यमंत्री जी ने दीपावली से पहले ही हमारी दीपावली मना दी।”
किसानों ने बताया कि मुआवजे से अब बीज और खाद खरीदना आसान हो गया है।

रतलाम जिले के किसानों को 213.04 करोड़ रुपये,
नीमच को 119.06 करोड़ रुपये,
मंदसौर को 267.30 करोड़ रुपये,
जबकि अलीराजपुर, बुरहानपुर, उज्जैन, दमोह, शहडोल और अन्य जिलों के किसानों को भी करोड़ों की राहत राशि दी गई।

बुरहानपुर के केला किसानों को 2 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर तक का मुआवजा मिला — जो अब तक का सबसे बड़ा राहत प्रावधान है।


भावांतर योजना से और राहत

मुख्यमंत्री ने बताया कि सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए भावांतर योजना के तहत पंजीयन शुरू हो चुका है।
यदि किसान अपनी फसल एमएसपी से कम दाम पर बेचते हैं, तो एमएसपी और विक्रय मूल्य के बीच का अंतर 15 दिनों के भीतर सीधे बैंक खाते में भेजा जाएगा।


मुख्यमंत्री की आगामी व्यस्तता

मुख्यमंत्री डॉ. यादव 6 अक्टूबर को बड़वानी में नशामुक्ति सम्मेलन में शामिल होंगे और
10 अक्टूबर को रतलाम में भावांतर योजना रैली में भाग लेंगे।


मुख्यमंत्री का संदेश:
"किसानों के चेहरे की मुस्कान ही हमारी असली दीपावली है। हम हर कदम पर किसानों के साथ हैं — उनकी खुशी ही प्रदेश की खुशी है।"

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