इंदौर में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली 15 वर्षीय छात्रा के अपहरण की कोशिश की गई। घटना रविवार 2 जून की दोपहर की है, जब छात्रा अपनी गर्मी की छुट्टियों के दौरान काम पर लौट रही थी। छात्रा की सूझबूझ और साहस के चलते वह अपहरणकर्ताओं के चंगुल से बच निकली और घर पहुंचकर परिजनों को पूरी घटना की जानकारी दी। फिलहाल राजेंद्रनगर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
क्या है पूरा मामला?
छात्रा ने पुलिस को बताया कि वह गर्मी की छुट्टियों में केट रोड स्थित शुभम पेट्रोल पंप के पास शियान वेंचर नामक फैक्ट्री में काम करती है। रविवार को दोपहर करीब दो बजे वह घर खाना खाने आई थी और करीब ढाई बजे वापस फैक्ट्री जाने के लिए निकली। तभी शुभम पेट्रोल पंप के पास एक काले रंग की कार उसके पास आकर रुकी।
कार से एक महिला बाहर निकली, जिसकी उम्र करीब 30 से 35 वर्ष के बीच बताई गई है। महिला ने छात्रा का मुंह दबाकर जबरन कार में खींच लिया और बीच वाली सीट पर बैठा दिया। छात्रा के अनुसार, इस दौरान वह बेहोश हो गई। जब उसे होश आया, तो कार रेती मंडी चौराहे के पास खड़ी थी और महिला एक पुरुष के साथ बात कर रही थी। इसी दौरान छात्रा ने मौका पाकर भागने में सफलता हासिल की।
पुलिस में देरी से दर्ज हुआ मामला
घर लौटकर छात्रा ने माता-पिता को घटना की जानकारी दी, जिसके बाद परिजन उसे लेकर राजेंद्रनगर थाने पहुंचे। आरोप है कि वहां मौजूद एसआई मनोहर सिंह ने शुरुआत में लापरवाही दिखाई। उन्होंने छात्रा से बार-बार पूछताछ की कि क्या वह महिला या पुरुष को पहचानती है? कार का नंबर या मोबाइल नंबर क्या है? जब छात्रा कोई जानकारी नहीं दे पाई, तो एसआई ने कथित तौर पर कहा, “फिर एफआईआर किसके खिलाफ करें?” इससे छात्रा और परिजन घबरा गए।
बाद में मामला वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा, जिसके बाद पुलिस ने अज्ञात महिला और पुरुष के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 137(2) और 62 के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस अब घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है ताकि संदिग्ध कार और आरोपियों की पहचान की जा सके।
पुलिस की कार्रवाई पर उठे सवाल
इस घटना ने एक बार फिर पुलिस की संवेदनशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिजनों का आरोप है कि यदि थाने में शुरुआत से ही गंभीरता दिखाई जाती, तो जांच प्रक्रिया और तेज हो सकती थी। हालांकि अब पुलिस का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच को प्राथमिकता दी जा रही है।
सुरक्षा को लेकर चिंता
दिनदहाड़े शहर के व्यस्त इलाके में एक नाबालिग छात्रा के अपहरण की कोशिश ने आमजन की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। सवाल उठ रहे हैं कि जब मुख्य मार्गों पर इस तरह की घटनाएं हो सकती हैं, तो शहर में महिलाएं और बच्चियां कितनी सुरक्षित हैं?
पुलिस से उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा और इस तरह की घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगेगा।