तेल और गैस की वैश्विक लाइफलाइन माने जाने वाले होर्मुज स्ट्रेट पर मंडरा रहा है खतरा। ईरान-इजरायल युद्ध के बीच अमेरिकी दखल के बाद अब इस अहम जलमार्ग के बंद होने की आशंका बढ़ गई है। ईरानी संसद ने प्रस्ताव पास कर दिया है, जबकि अंतिम फैसला ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई लेंगे।
क्या है होर्मुज स्ट्रेट?
होर्मुज स्ट्रेट ओमान और ईरान के बीच एक संकरा जलमार्ग है, जिसकी शिपिंग लेन महज 3 किलोमीटर चौड़ी है। यह खाड़ी देशों को हिंद महासागर से जोड़ता है और दुनिया का सबसे अहम तेल ट्रांजिट पॉइंट माना जाता है।
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🌐 हर दिन यहां से गुजरते हैं:
➤ 2.08 करोड़ बैरल कच्चा तेल
➤ 29 करोड़ क्यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस
➤ 3000 से ज्यादा तेल व गैस टैंकर -
🌎 दुनिया का 20–30% गैस सप्लाई यहीं से होता है
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🌏 एशिया का 44% तेल ट्रैफिक इसी रास्ते से निकलता है
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🌍 OPEC देशों की अधिकतर सप्लाई इस रूट से होती है
क्या होगा अगर होर्मुज स्ट्रेट बंद हो गया?
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🚫 कच्चे तेल और एलएनजी की सप्लाई में भारी व्यवधान
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📈 अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें आसमान छू सकती हैं (अभी $78/बैरल पार)
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🚢 फ्रेट चार्ज बढ़ने से लॉजिस्टिक कॉस्ट में उछाल
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💹 वैश्विक महंगाई और मंदी का खतरा
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🏭 पेट्रोलियम आधारित उत्पादों की कीमतों में विस्फोटक वृद्धि
भारत पर क्या असर पड़ेगा?
भारत दुनिया के सबसे बड़े तेल आयातकों में से एक है।
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📦 भारत हर दिन 5.6 मिलियन बैरल कच्चा तेल आयात करता है
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🛢️ इसमें से करीब 1.5–2 मिलियन बैरल होर्मुज स्ट्रेट से होकर आता है
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🔥 भारत की 90% तेल जरूरत आयात से पूरी होती है
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🇶🇦 LNG का 50% घरेलू, बाकी कतर और खाड़ी देशों से आता है
➤ राहत की बात: कतर होर्मुज स्ट्रेट का इस्तेमाल नहीं करता
भारत के पास क्या विकल्प हैं?
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रूस बना भारत का सबसे बड़ा तेल सप्लायर
➤ 2025 में भारत ने रूस से 21–22 लाख बैरल प्रतिदिन खरीदा
➤ रूसी तेल स्वेज नहर और प्रशांत महासागर रूट से आता है -
🌎 विकल्प के अन्य स्रोत:
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अमेरिका
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ब्राजील
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नाइजीरिया
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अंगोला
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🛢️ भारत के पास पर्याप्त स्ट्रैटेजिक ऑयल रिज़र्व भी मौजूद है