नई दिल्ली, 22 जुलाई 2025 —
भारत की प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज कंपनी CoinDCX एक बड़े साइबर अटैक का शिकार हो गई है। यह हमला 18 जुलाई को हुआ और इसमें कंपनी को लगभग 4.4 करोड़ अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹367 करोड़) का नुकसान हुआ है। कंपनी ने पुष्टि की है कि यह हमला केवल एक इंटरनल ऑपरेशनल वॉलेट तक सीमित रहा और यूजर्स के फंड्स पूरी तरह सुरक्षित हैं।
क्या हुआ था?
CoinDCX ने आधिकारिक बयान में कहा है कि 18 जुलाई को कंपनी के एक ऑपरेशनल वॉलेट में संदिग्ध गतिविधियों का पता चला। शुरुआती जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ कि कंपनी के एक इंटरनल वॉलेट से अवैध रूप से फंड्स को ट्रांसफर किया गया। हालांकि, एक्सचेंज में रखे कस्टमर के फंड्स इस घटना से प्रभावित नहीं हुए हैं।
कंपनी ने तुरंत सभी संबंधित सेवाओं को अस्थायी रूप से सस्पेंड कर दिया और ब्लॉकचेन सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स और लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों को इस मामले में शामिल कर लिया है।
जांच और कदम
CoinDCX के प्रवक्ता ने कहा:
“हम इस घटना की गहराई से जांच कर रहे हैं। हमने प्रभावित वॉलेट को आइसोलेट कर दिया है और सुरक्षा की समीक्षा के लिए सभी सिस्टम्स की ऑडिटिंग शुरू कर दी है। हम इस घटना को गंभीरता से ले रहे हैं और हर स्तर पर पारदर्शिता बनाए रखेंगे।”
CoinDCX ने यूजर्स को भरोसा दिलाया है कि उनके फंड्स, वॉलेट्स और ट्रांजैक्शन्स पूरी तरह सुरक्षित हैं। साथ ही, जिन यूजर्स की सेवाएं इस दौरान बाधित हुई हैं, उन्हें समयबद्ध जानकारी और सहायता दी जा रही है।
भारतीय क्रिप्टो सेक्टर पर प्रभाव
भारत में क्रिप्टोकरेंसी पहले ही भारी टैक्सेशन, कड़े रेगुलेशंस और बैंकिंग असहयोग के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में CoinDCX जैसा बड़ा सिक्योरिटी ब्रीच निवेशकों और क्रिप्टो एक्सचेंज्स की साख पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है।
क्रिप्टो एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह घटना भारतीय क्रिप्टो मार्केट के लिए एक “wake-up call” है — जिससे यह स्पष्ट होता है कि साइबर सुरक्षा किसी भी डिजिटल एसेट इकोसिस्टम के लिए बुनियादी आवश्यकता बन चुकी है।
CoinDCX कौन है?
CoinDCX की स्थापना 2018 में हुई थी और यह भारत की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज कंपनियों में शामिल है। यह एक्सचेंज लाखों भारतीय यूजर्स को बिटकॉइन, इथेरियम, और अन्य डिजिटल एसेट्स में निवेश की सुविधा देता है। CoinDCX ने कई राउंड्स में फंडिंग प्राप्त की है, जिनमें Coinbase Ventures, Polychain Capital, और B Capital जैसे बड़े नाम शामिल हैं।
क्या आगे होगा?
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CoinDCX इस घटना के लिए बग बाउंटी प्रोग्राम की योजना बना रहा है ताकि सुरक्षा और मजबूत की जा सके।
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कंपनी की पूरी ब्लॉकचेन ट्रेल की फॉरेंसिक जांच हो रही है ताकि चोरी गए फंड्स की ट्रेसिंग की जा सके।
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भारतीय साइबर सेल और प्रवर्तन एजेंसियां इस मामले में FIR और जांच की तैयारी में हैं।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि:
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यूजर्स को अपने फंड्स किसी भी एक्सचेंज पर लंबे समय तक नहीं रखने चाहिए।
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हमेशा प्राइवेट वॉलेट्स (cold storage) का उपयोग करें।
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2FA, Strong Passwords और Multi-Sig जैसे सुरक्षा उपाय लागू करें।