नई दिल्ली, 5 मई 2025:
भारत सरकार ने आज घोषणा की कि IDBI बैंक में उसकी हिस्सेदारी की बिक्री वर्ष 2025 के अंत तक पूरी कर ली जाएगी। यह जानकारी डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज (DFS) के सचिव एम. नागाराजू ने दी।
🔹 क्या कहा गया?
DFS सचिव नागाराजू ने 5 मई को मीडिया से बातचीत में कहा:
"IDBI बैंक में रणनीतिक हिस्सेदारी बिक्री इस साल 2025 के अंत तक पूरी हो जाएगी।"
यह घोषणा उस समय आई है जब सरकार कई सार्वजनिक उपक्रमों में हिस्सेदारी कम करने की दिशा में तेजी से कदम उठा रही है।
🔍 विनिवेश की मुख्य बातें:
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सरकार और LIC की संयुक्त हिस्सेदारी ~95% है।
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इनमें से 60.72% हिस्सेदारी की बिक्री की जा रही है।
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यह बिक्री रणनीतिक विनिवेश प्रक्रिया के तहत की जा रही है।
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संभावित निवेशकों में फेयरफैक्स फाइनेंशियल, कोटक महिंद्रा बैंक, और एमिरेट्स एनबीडी जैसे बड़े नाम शामिल हैं।
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प्रक्रिया में डेटा रूम एक्सेस, ड्यू डिलिजेंस, और जल्द ही फाइनेंशियल बोलियाँ आमंत्रित की जाएंगी।
🎯 सरकार का लक्ष्य:
IDBI बैंक की हिस्सेदारी बेचने का मकसद:
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बैंकिंग क्षेत्र में निजीकरण को बढ़ावा देना
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FY2025-26 के ₹47,000 करोड़ के विनिवेश लक्ष्य को हासिल करना
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बेहतर परिचालन क्षमता और प्रतिस्पर्धी बैंकिंग सेवा को बढ़ावा देना
📈 आगे क्या?
बिक्री प्रक्रिया के 2025 के अंत तक पूरी होने की उम्मीद है। इससे सरकार को राजस्व में मदद मिलेगी और बैंक को अधिक पेशेवर ढंग से संचालित करने वाले निजी मालिक मिल सकते हैं।
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