नई दिल्ली / पटना:
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का राजनीतिक पारा तेजी से चढ़ रहा है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। इस सूची में कुल 71 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। भाजपा इस बार 101 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और शेष सीटों पर एनडीए के सहयोगी दल अपने प्रत्याशी उतारेंगे।
मैथिली ठाकुर ने दी सफाई – “चुनाव लड़ना मेरा लक्ष्य नहीं”
लोकप्रिय लोकगायिका और भाजपा की स्टार प्रचारक मैथिली ठाकुर ने चुनाव लड़ने की अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि उनका मकसद राजनीति नहीं, बल्कि संगठन के निर्देशों का पालन करना है।
उन्होंने एएनआई से बातचीत में कहा –
“चुनाव लड़ना मेरा लक्ष्य नहीं है। मैं वही करूंगी जो पार्टी मुझसे कहेगी। मैं आदेशानुसार काम करती हूं, निर्णय पार्टी का होगा।”
भाजपा की पहली सूची में कौन-कौन शामिल?
भाजपा की पहली सूची में कई दिग्गज नेताओं को दोबारा मौका मिला है, वहीं कुछ नए चेहरों को भी उतारा गया है। प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:
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बेतिया – रेणु देवी
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रक्सौल – प्रमोद कुमार सिन्हा
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मधुबन – राणा रणधीर सिंह
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सीतामढ़ी – सुनील कुमार पिंटू
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बेनीपट्टी – विनोद नारायण झा
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दरभंगा – संजय सरावगी
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कटिहार – तारकिशोर प्रसाद
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सहरसा – आलोक रंजन झा
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भागलपुर – रोहित पांडेय
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मुंगेर – कुमार प्रणय
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लखीसराय – विजय कुमार सिन्हा
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दीघा – संजीव चौरसिया
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बांकीपुर – नितिन नवीन
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दानापुर – रामकृपाल यादव
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जमुई – श्रेयसी सिंह
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तारापुर – सम्राट चौधरी (भाजपा प्रदेश अध्यक्ष)
सूची में कई नए युवा चेहरों को भी मौका दिया गया है ताकि भाजपा अपनी संगठनात्मक ताकत को जमीनी स्तर तक मजबूत कर सके।
मांझी बोले – “जीतेगा NDA, बना रहेगा बिहार का सम्मान”
इस बीच, हम (सेक्युलर) के संरक्षक और केंद्र सरकार में मंत्री जीतन राम मांझी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा –
“सीटें कम मिली हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि बिहार को जंगलराज की ओर धकेल दें। बिहार के सम्मान और स्थिरता के लिए NDA एकजुट है। जय मोदी, तय नीतीश!”
महागठबंधन में सीटों को लेकर खींचतान जारी
जहां एनडीए ने चुनावी मैदान में रणनीति साफ कर दी है, वहीं महागठबंधन अब तक सीट बंटवारे को लेकर एकमत नहीं हो पाया है। सूत्रों के अनुसार, आरजेडी और कांग्रेस के बीच कई सीटों पर सहमति नहीं बन पाई है।
नतीजा तय करेगा बिहार का भविष्य
बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों पर इस बार मुकाबला बेहद दिलचस्प होने वाला है। भाजपा अपने संगठन और मोदी-नीतीश की जोड़ी के दम पर मैदान में उतरी है, जबकि विपक्ष महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर सत्ता को घेरने की कोशिश में है।
डिस्क्लेमर: यह समाचार केवल सूचना हेतु प्रस्तुत किया गया है। चुनावी विश्लेषण या मत किसी राजनीतिक दल के समर्थन के रूप में नहीं है।