तेहरान/तेल अवीव:
इजरायल और ईरान के बीच छिड़ी जंग ने 72 घंटे में भयावह रूप ले लिया है। इजरायल की वायु सेना ने 2,300 किलोमीटर दूर ईरान के मशहद हवाई अड्डे पर एक ईंधन भरने वाले विमान को ध्वस्त कर दिया है। यह अब तक का सबसे लंबी दूरी से किया गया हमला माना जा रहा है, जिसे ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ के तहत अंजाम दिया गया है।
इजरायल के अब तक के हमले: हर रणनीतिक ठिकाना निशाने पर
पिछले 72 घंटों में इजरायल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर एक के बाद एक हमले किए हैं:
🔸 परमाणु साइट्स:
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नतांज यूरेनियम संवर्धन केंद्र – भारी नुकसान
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इस्फहान और फोर्डो साइट्स – नुकसान की पुष्टि नहीं
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परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या – एक पीढ़ी का सफाया
🔸 सैन्य ठिकाने:
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तेहरान, तबरेज, करमानशाह में मिसाइल निर्माण केंद्र नष्ट
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दक्षिणी ईरान की रिफाइनरी में बड़ा विस्फोट
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तेहरान में मेहराबाद एयरपोर्ट आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त
ईरान को सैन्य नेतृत्व में सबसे बड़ा झटका
इजरायली हमलों में ईरान के शीर्ष सैन्य अधिकारी और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए हैं। पुष्टि की गई प्रमुख हत्याएं:
👤 मेजर जनरल मोहम्मद बघेरी
👤 मेजर जनरल हुसैन सलामी (IRGC)
👤 जनरल अमीर अली हाजीज़ादेह (IRGC एयरोस्पेस फोर्स)
👤 जनरल मेहदी रब्बानी
👤 ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद काज़मी (खुफिया प्रमुख)
👤 अली शमखानी (पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा प्रमुख)
👨🔬 परमाणु वैज्ञानिक – अब्दुलहामिद मिनोचेहर, मोहम्मद मेहदी तेहरांची समेत कई अन्य
इजरायल का दावा: ‘तेहरान तक एयर कॉरिडोर बना लिया’
इजरायल ने दावा किया है कि उसकी वायु सेना ने अब तेहरान तक सीधा एयर कॉरिडोर बना लिया है। इससे उसके लड़ाकू विमान बिना किसी अवरोध के तेहरान तक पहुंच सकते हैं और हमले कर सकते हैं।
ईरान का जवाबी हमला: सीमित लेकिन दर्दनाक
ईरान ने भी जवाबी हमले में 100-200 बैलिस्टिक मिसाइलें और ड्रोन इजरायल पर दागे, जिनमें से कुछ आयरन डोम प्रणाली को पार करने में सफल रहे।
टारगेट्स:
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तेल अवीव, हाइफा पोर्ट, नेगेव रेगिस्तान, रेहोवोट
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वीज़मैन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस पूरी तरह तबाह
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डिमोना न्यूक्लियर साइट के पास हमला, नुकसान का अंदाजा नहीं
ईरान का दावा:
150 से अधिक सैन्य और खुफिया ठिकानों पर हमले किए गए हैं।
72 घंटे का नुकसान: आंकड़े चौंकाने वाले
पक्ष | मौतें | घायल |
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ईरान | 224–406 (सरकारी बनाम इजरायली दावा) | 654+ |
इजरायल | 16 | दर्जनों |
विश्लेषण: ईरान का सैन्य ढांचा और परमाणु क्षमता बड़ा झटका
विशेषज्ञों के अनुसार, इजरायली हमले ईरान के परमाणु कार्यक्रम और सैन्य नेतृत्व को अपंग बना सकते हैं। परमाणु वैज्ञानिकों की एक पूरी पीढ़ी को खो देने के बाद ईरान को अपनी रणनीति पर गंभीर पुनर्विचार करना होगा।