18 सालों से आरसीबी के फैंस ने उम्मीद नहीं छोड़ी। ये वो आंखें हैं जिन्होंने उस टीम को देखा, जिसे कभी लोग मज़ाक़ समझते थे। आज वही टीम चैंपियन बन चुकी है।
इन 18 सालों में कई खिलाड़ियों ने पहली बार में ही ट्रॉफी जीती, लेकिन आरसीबी के फैंस ने अपनी वफादारी नहीं छोड़ी। ये आँखे बार-बार आँसुओं से भरीं, मगर कभी हार नहीं मानी। टीम के दर्द में सिर्फ खिलाड़ी नहीं, बल्कि करोड़ों फैंस का जज़्बा भी शामिल था, जिन्होंने अपनी जर्सी को अपनी पहचान की तरह अपनाया।
जब इंसान ठान ले, तो पत्थर भी पानी बन जाता है। आरसीबी को दुनिया “पनौती” कहती थी, लेकिन मेहनत और जुनून ने साबित कर दिया कि ये टीम ट्रॉफी जीतने का सपना पूरा कर सकती है।