नई दिल्ली, 9 जुलाई 2025:
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर वैश्विक व्यापार जगत में हलचल मचा दी है। उन्होंने संकेत दिया है कि अमेरिका जल्द ही कॉपर (तांबे) पर 50% और फार्मास्यूटिकल्स (दवाओं) पर 200% टैरिफ लगाने की योजना बना रहा है। यह टैरिफ नीति फिलहाल प्रस्तावित है, लेकिन इसके संकेत से ही वैश्विक सप्लाई चेन और भारत जैसे बड़े निर्यातक देशों की चिंताएं बढ़ गई हैं।
कॉपर टैरिफ का भारत पर असर सीमित
भारत ने वित्त वर्ष 2024-25 में कुल 2 अरब डॉलर मूल्य का कॉपर निर्यात किया, जिसमें से लगभग 17% अमेरिका को किया गया। अमेरिका भारत के कॉपर एक्सपोर्ट में तीसरे स्थान पर है, जबकि सऊदी अरब और चीन पहले और दूसरे पायदान पर हैं।
यदि 50% टैरिफ लागू हुआ, तो भारत से अमेरिका को होने वाला निर्यात जरूर प्रभावित होगा, लेकिन असर बहुत बड़ा नहीं माना जा रहा है। इसकी वजह है कि कॉपर की मांग कई क्षेत्रों जैसे कंस्ट्रक्शन, रिन्यूएबल एनर्जी, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स में लगातार बनी रहती है। भारत यह कमी अन्य देशों में निर्यात बढ़ाकर पूरी कर सकता है। इसके अलावा घरेलू मांग में भी बढ़त की उम्मीद है।
फार्मा टैरिफ: भारत के लिए बड़ा खतरा
ट्रंप के 200% टैरिफ प्रस्ताव का सबसे बड़ा झटका भारतीय फार्मा कंपनियों को लग सकता है। अमेरिका, भारत की फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री का सबसे बड़ा ग्राहक है।
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FY25 में भारत ने अमेरिका को 9.8 अरब डॉलर मूल्य की दवाओं का निर्यात किया, जो FY24 की तुलना में 21% अधिक है।
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भारत के कुल फार्मा एक्सपोर्ट में अमेरिका की हिस्सेदारी लगभग 40% है।
भारत, अमेरिका को मुख्यतः कम लागत वाली जेनेरिक दवाएं निर्यात करता है, जो वहां की हेल्थकेयर प्रणाली की रीढ़ हैं। अमेरिका में बिकने वाली 90% से अधिक दवाएं जेनेरिक होती हैं। ऐसे में यदि 200% टैरिफ लागू हुआ, तो ये दवाएं अमेरिकी बाजार में काफी महंगी हो जाएंगी, जिससे भारतीय कंपनियों के लिए प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल हो जाएगा।
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक अमेरिका अपने देश में इन दवाओं का उत्पादन नहीं करता, तब तक टैरिफ लागू करना खुद अमेरिका के लिए भी घाटे का सौदा हो सकता है।
अभी भी 'Mini Deal' की उम्मीद बरकरार
रेसिप्रोकल टैरिफ छूट की डेडलाइन को 1 अगस्त तक बढ़ा दिया गया है। इससे भारत और अन्य देशों को अमेरिका के साथ समझौते करने का और समय मिल गया है। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर बातचीत पिछले कई महीनों से जारी है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि ट्रंप जल्द भारत के साथ एक मिनी डील की घोषणा कर सकते हैं, जो इस संकट को टाल सकता है।
फार्मा शेयरों पर सीमित असर
टैरिफ के ऐलान के बावजूद भारतीय फार्मा कंपनियों के शेयरों पर बड़ा असर नहीं दिखा।
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Cipla का शेयर 0.72% चढ़ा।
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Sun Pharma में 0.05% की मामूली गिरावट रही।
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Dr. Reddy’s का शेयर 0.37% नीचे रहा।
विश्लेषकों का मानना है कि बाजार फिलहाल इस घोषणा को "पॉलिटिकल स्टेटमेंट" के तौर पर ले रहा है और निवेशकों को जल्द कोई नीतिगत बदलाव नहीं दिख रहा है।