सिल्वर ईटीएफ में लगातार बढ़ती कीमतों के बीच निवेशकों के लिए सतर्क रहने की सलाह दी गई है। सबसे ज्यादा ट्रेड होने वाले SBI Silver ETF, HDFC Silver ETF और Axis Silver ETF में 9 अक्टूबर के कारोबारी सत्र में 9-13% तक तेजी देखने को मिली। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सिल्वर की कीमतों में यह उछाल उसके फंडामेंटल्स पर आधारित नहीं बल्कि निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी की वजह से है।
सैमको सिक्योरिटीज के हेड (मार्केट पर्सपेक्टिव्स एंड रिसर्च) अपूर्व सेठ ने बताया कि 9 अक्टूबर को एमसीएक्स पर सिल्वर के दिसंबर फ्यूचर्स में 0.6% की गिरावट आई थी, लेकिन इसके बावजूद सिल्वर ईटीएफ की एनएवी में तेजी दर्ज की गई। उनका कहना है कि निवेशकों की चांदी में बढ़ती दिलचस्पी और तेजी का असर ईटीएफ की कीमतों पर देखा जा रहा है।
सिल्वर की खासियत यह है कि यह सिर्फ निवेश की मांग पर निर्भर नहीं करती, बल्कि कई इंडस्ट्रीज में मैन्युफैक्चरिंग के लिए भी इसका उपयोग होता है। इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स और सोलर पैनल जैसी इंडस्ट्रीज में सिल्वर की मांग बढ़ रही है, जिससे इसकी कीमतों में लगातार तेजी बनी हुई है।
कोटक म्यूचुअल फंड की रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर की शुरुआत में सिल्वर ईटीएफ का प्रीमियम लगभग 0.5% था, जो 9 अक्टूबर तक बढ़कर 5.7% हो गया। मौजूदा बाजार हालात में सिल्वर ईटीएफ खरीदने पर प्रीमियम करीब 10% और बेचने पर 3% है। कोटक म्यूचुअल फंड के डायरेक्टर निलेश शाह ने बताया कि भारत में सिल्वर की कीमत पहले ग्लोबल मार्केट रेट पर निर्भर करती है और फिर इसे रुपये में बदलकर इंपोर्ट ड्यूटी और GST जोड़कर अंतिम कीमत तय होती है।
शाह के अनुसार, निवेशक सिल्वर ईटीएफ में निवेश करने के लिए इसकी आयातित कीमतों पर लगभग 10% प्रीमियम चुकाते हैं। भारत में सिल्वर की सप्लाई में कमी अक्टूबर तक बनी रहने की संभावना है, इसी वजह से कोटक म्यूचुअल फंड ने कोटक सिल्वर ईटीएफ फंड ऑफ फंड में एकमुश्त और स्विच-इन सब्सक्रिप्शन पर रोक लगा दी है।