नई दिल्ली / कनानास्किस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच बुधवार को करीब 35 मिनट लंबी फोन पर बातचीत हुई। इस संवाद में ऑपरेशन सिंदूर, भारत-पाक तनाव, और वैश्विक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई।
बातचीत की जानकारी देते हुए विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रम्प को ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि, भारत के दृष्टिकोण और कार्रवाई के बिंदुओं से अवगत कराया। उन्होंने दोहराया कि भारत ने पाकिस्तान में केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, और यह कार्रवाई सटीक, मापी-तौली और गैर-उकसावे वाली थी।
भारत ने स्पष्ट किया: ना कोई मध्यस्थता, ना व्यापार सौदा
विदेश सचिव के अनुसार, पीएम मोदी ने ट्रम्प को यह भी स्पष्ट किया कि भारत किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करता, न पहले कभी की, न भविष्य में करेगा। उन्होंने बताया कि इस सैन्य कार्रवाई के दौरान अमेरिका-भारत व्यापार सौदे या मध्यस्थता को लेकर कोई भी बात नहीं हुई।
मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की प्रतिक्रिया "प्रॉक्सी वॉर" नहीं बल्कि सीधी युद्ध कार्रवाई थी और पाकिस्तान को भारत की सैन्य ताकत का प्रत्यक्ष अनुभव हुआ।
सीजफायर पाकिस्तान की अपील पर हुआ: मोदी
मोदी ने ट्रम्प को यह भी बताया कि 9 मई को अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस द्वारा फोन कॉल के बाद पाकिस्तान ने भारत से सैन्य कार्रवाई रोकने की अपील की थी। 9-10 मई की रात भारत की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के मिलिट्री एयरबेस को इनऑपरेशनल कर दिया गया, जिससे पाकिस्तान को पीछे हटना पड़ा।
सीजफायर की पूरी प्रक्रिया भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे सैन्य चैनलों के माध्यम से हुई, जिसमें अमेरिका की कोई सीधी भूमिका नहीं थी।
G7 में मुलाकात नहीं हो सकी, फोन पर हुई बात
ट्रम्प और मोदी की G7 समिट के इतर मुलाकात तय थी, लेकिन ट्रम्प को 17 जून को अचानक अमेरिका लौटना पड़ा, जिस कारण आमने-सामने मुलाकात नहीं हो सकी। इसके बाद यह फोन कॉल हुई। 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के बाद यह दोनों नेताओं की पहली विस्तृत बातचीत थी।
क्वाड मीटिंग के लिए मोदी ने ट्रम्प को भारत आने का निमंत्रण दिया
बातचीत के दौरान मोदी ने ट्रम्प को अगली क्वाड बैठक के लिए भारत आने का निमंत्रण भी दिया, जिसे ट्रम्प ने स्वीकार कर लिया। दोनों नेताओं ने इजराइल-ईरान संघर्ष और रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा की और जल्द समाधान की इच्छा जताई।
ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की हत्या के बाद भारत सरकार ने कड़े कदम उठाए। इसके जवाब में 7 मई को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और PoK में कई आतंकी ठिकानों को एयर स्ट्राइक से तबाह किया गया।
चार दिन तक चले इस संघर्ष के बाद 10 मई को अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर सीजफायर की घोषणा की। हालांकि, भारत ने साफ किया है कि यह सीजफायर पाकिस्तान के आग्रह पर हुआ।
ट्रम्प के बार-बार मध्यस्थता के दावों को भारत ने खारिज किया
राष्ट्रपति ट्रम्प अब तक 13 बार दावा कर चुके हैं कि उन्होंने भारत-पाक युद्ध रोका, लेकिन भारत हर बार यह दोहराता रहा है कि कोई मध्यस्थता नहीं हुई और भारत अपने हितों की रक्षा स्वयं करने में सक्षम है।