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बिजनेस

✈️ महिंद्रा एयरोस्ट्रक्चर्स को Aernnova Aerospace से 300 मिलियन डॉलर का मेगा ऑर्डर

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बेंगलुरु, 17 जून 2025 — भारत की अग्रणी एयरोस्पेस निर्माण कंपनी महिंद्रा एयरोस्ट्रक्चर्स प्राइवेट लिमिटेड (MASPL) को स्पेन की प्रतिष्ठित एयरोस्पेस कंपनी Aernnova Aerospace से लगभग 300 मिलियन डॉलर (₹2,500 करोड़) का एक महत्वपूर्ण बहुवर्षीय अनुबंध प्राप्त हुआ है। इस करार के तहत MASPL अब Airbus और Embraer जैसे वैश्विक विमान निर्माताओं के लिए मेटल सब-असेंबली और महत्वपूर्ण विमान पुर्जों का उत्पादन करेगी।


🌐 वैश्विक आपूर्ति के लिए भारत में होगा निर्माण

यह कलपुर्जे Aernnova की स्पेन, ब्रिटेन, पुर्तगाल और ब्राजील स्थित उत्पादन इकाइयों को भेजे जाएंगे। विशेष रूप से Embraer C-390 Millennium सैन्य परिवहन विमान के लिए जरूरी भागों का निर्माण भारत से किया जाएगा, जो भारत के एयरोस्पेस उत्पादन क्षमता की वैश्विक मान्यता को दर्शाता है।


🤝 साझेदारी का विस्तार — 2013 से अब तक

Aernnova और महिंद्रा के बीच यह रणनीतिक साझेदारी 2013 में शुरू हुई थी। Aernnova के CEO रिकार्डो चोकारो ने इस अनुबंध पर टिप्पणी करते हुए कहा:

"महिंद्रा एयरोस्ट्रक्चर्स के साथ यह समझौता हमारी वैश्विक उत्पादन क्षमताओं को और मजबूती प्रदान करेगा। MASPL के साथ हमारा सहयोग वर्षों से भरोसेमंद रहा है और अब यह नई ऊंचाइयों को छुएगा।"


🏭 ‘मेक इन इंडिया’ को मिलेगा प्रोत्साहन

महिंद्रा ग्रुप के CEO और MD अनिश शाह ने इस अवसर पर कहा:

"हम अपने एयरोस्पेस व्यवसाय में तेजी से निवेश कर रहे हैं और यह करार हमारी रणनीतिक दिशा का प्रमाण है। यह साझेदारी न केवल भारत में निर्माण को बढ़ावा देगी, बल्कि देश को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में और अधिक मजबूती से स्थापित करेगी।"


👨‍🏭 स्थानीय प्रतिभा को मिलेगा अंतरराष्ट्रीय मंच

MASPL के मैनेजिंग डायरेक्टर अरविंद मेहरा ने कहा:

"इस अनुबंध के ज़रिए न केवल हमारे तकनीकी क्षमताओं को विस्तार मिलेगा, बल्कि भारतीय इंजीनियरों और तकनीशियनों को वैश्विक विमानन उद्योग का हिस्सा बनने का भी अवसर मिलेगा।"


🌍 भारत की बढ़ती भूमिका वैश्विक एयरोस्पेस में

इस बहुवर्षीय समझौते से यह साफ है कि भारत अब केवल एक आउटसोर्सिंग हब नहीं, बल्कि उच्च गुणवत्ता वाले एयरोस्पेस निर्माण का एक रणनीतिक केंद्र बनता जा रहा है। इस सहयोग से भारत में रोजगार और तकनीकी कौशल विकास के नए द्वार खुलेंगे, साथ ही भारत की पहचान एक भरोसेमंद विनिर्माण साझेदार के रूप में और मजबूत होगी।

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