भोपाल। मध्यप्रदेश में जारी कलेक्टर्स-कमिश्नर्स कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन बुधवार को राज्य के मुख्य सचिव अनुराग जैन ने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार को लेकर महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के रोडमैप में शिक्षा एक मूलभूत स्तंभ है, और इसके बिना विकास के लक्ष्य पूरे नहीं किए जा सकते।
मुख्य सचिव ने जोर देकर कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित की जाए, और लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि नामांकन दर में और सुधार किया जाए ताकि हर बच्चा शिक्षा से जुड़ सके।
शिक्षा सुधार के लिए अन्य विभागों को भी जोड़े जाने पर बल
मुख्य सचिव ने कहा कि शाला विकास समितियों में पालकों और शिक्षा में रुचि रखने वाले स्थानीय लोगों को जोड़ा जाए। साथ ही, शिक्षा के गुणात्मक सुधार के लिए अन्य विभागों से भी सहयोग लिया जाए।
शिक्षकों के प्रशिक्षण और ई-अटेंडेंस ऐप पर फोकस
सत्र में स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. संजय गोयल ने बताया कि “विकसित मध्यप्रदेश 2047” के विजन के तहत हर बच्चे को उच्च गुणवत्ता, रोजगारोन्मुख और मूल्य आधारित शिक्षा देना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा कि शिक्षकों की 100% उपस्थिति के लिए ई-अटेंडेंस ऐप का उपयोग किया जा रहा है, जिससे राजगढ़ जिले में 94% उपस्थिति दर्ज की गई है। इसके अलावा, शिक्षकों के कौशल विकास के लिए एक विशेष प्रशिक्षण ग्रुप तैयार करने का भी निर्देश दिया गया।
आंगनवाड़ी और जनजातीय शिक्षा पर विशेष चर्चा
महिला एवं बाल विकास सचिव जी.वी. रश्मि ने बताया कि आंगनवाड़ी केंद्रों में “आधारशिला” और “नवचेतना फ्रेमवर्क” लागू किए जा रहे हैं, जिससे 3 से 6 वर्ष के बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा को मजबूत किया जा सके।
जनजातीय कार्य विभाग के प्रमुख सचिव गुलशन बामरा ने बताया कि विभाग द्वारा संचालित आश्रम शालाओं और छात्रावासों में 93% विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया है। निरीक्षण के लिए ‘परख ऐप’ लॉन्च किया गया है।
बेस्ट प्रैक्टिस की प्रस्तुति
कॉन्फ्रेंस में शाजापुर, नीमच, झाबुआ और छतरपुर के कलेक्टर्स ने निपुण भारत मिशन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और आदर्श आंगनवाड़ी प्रोजेक्ट्स से जुड़ी बेस्ट प्रैक्टिस प्रस्तुत की।
मुख्य सचिव के प्रमुख निर्देश:
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सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की 100% उपस्थिति सुनिश्चित की जाए।
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नामांकन दर बढ़ाने के लिए विभागों के बीच समन्वय बढ़ाया जाए।
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स्कूलों की मरम्मत में स्थानीय लोगों की सहभागिता सुनिश्चित की जाए।
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10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के परिणाम सुधार के लिए अभी से ठोस तैयारी की जाए।
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आंगनवाड़ी में पात्र बच्चों का शत-प्रतिशत नामांकन हो।