मध्य प्रदेश के जबलपुर में शराब कारोबारियों और आबकारी विभाग की मिलीभगत का भंडाफोड़ हुआ है। कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर चलाए गए एक खास 'अंडरकवर ऑपरेशन' में शराब दुकानों पर तय दरों से ज्यादा कीमत वसूलने का खेल उजागर हुआ।
शिकायतें मिल रही थीं कि शहर की शराब दुकानों पर प्रिंट रेट से ज्यादा दाम पर शराब बेची जा रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर ने एसडीएम को जांच की जिम्मेदारी सौंपी। दिलचस्प बात यह रही कि इस ऑपरेशन के लिए 40 से ज्यादा पटवारियों की टीमें बनाई गईं — जो आमतौर पर जमीन से जुड़े मामलों में काम करते हैं — लेकिन इस बार उन्हें ग्राहक बनाकर शराब खरीदने के मिशन पर लगाया गया।
टीमों ने जबलपुर की 22 शराब दुकानों से शराब खरीदी और खास निर्देश था कि पेमेंट स्कैनर/UPI से ही करें, ताकि ट्रांजैक्शन का डिजिटल सबूत जुटाया जा सके। बाद में खरीदी गई बोतलों की कीमतों का मिलान प्रिंट रेट से किया गया, और कई दुकानों पर ओवर प्राइसिंग (अधिशेष मूल्य) पकड़ा गया।
अब कलेक्टर कार्यालय द्वारा इन दुकानों पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। प्रशासन का कहना है कि उपभोक्ताओं के हक में ऐसे अभियान भविष्य में भी चलते रहेंगे।
👉 मुख्य बिंदु:
✅ कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर कार्रवाई
✅ 40+ पटवारी, 22 दुकानों पर 'अंडरकवर ऑपरेशन'
✅ UPI पेमेंट से जुटाए गए सबूत
✅ शराब की तय दरों से ज्यादा कीमत पर बिक्री का भंडाफोड़
निगरानी टीम का संदेश: ग्राहक निर्धारित दर से अधिक राशि न चुकाएं, और शिकायत होने पर प्रशासन से तुरंत संपर्क करें।