शारदीय नवरात्रि की शुरुआत के साथ ही सोने की कीमतों में ऐतिहासिक तेजी देखने को मिल रही है। 23 सितंबर 2025 को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोना पहली बार ₹1.13 लाख प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गया। यह कीमत पिछले 5 कारोबारी सत्रों में चौथी बार बढ़ी है। दिल्ली के सराफा बाजार में भी सोने का हाजिर भाव ₹1,16,200 प्रति 10 ग्राम के नए उच्च स्तर पर दर्ज किया गया।
क्यों बढ़ी सोने की कीमत?
विशेषज्ञों के अनुसार, इस तेजी के पीछे कई बड़े कारण हैं:
-
नवरात्रि और फेस्टिव सीजन की वजह से घरेलू डिमांड में उछाल।
-
भारतीय रुपया 25 पैसे टूटकर 88.53 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर।
-
अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद।
-
ETF में मजबूत निवेश और केंद्रीय बैंकों की ओर से लगातार खरीदारी।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के जिंस विशेषज्ञ सौमिल गांधी का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी के रुख और फेडरल रिजर्व के नरम रुख ने सोने-चांदी दोनों को नई ऊंचाई दी है। हाल ही में फेड ने 17 सितंबर 2025 को 0.25% की दर से ब्याज दरों में कटौती की थी।
चांदी भी रिकॉर्ड हाई पर
सोने के साथ-साथ चांदी ने भी नया शिखर छुआ। 23 सितंबर को एमसीएक्स पर चांदी की कीमत ₹1.34 लाख प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई। वहीं दिल्ली सराफा बाजार में चांदी का हाजिर भाव ₹1,36,380 प्रति किलोग्राम दर्ज किया गया।
2025 में अब तक की बढ़ोतरी
चालू वर्ष 2025 में अब तक सोने की कीमतों में ₹37,250 प्रति 10 ग्राम (47.18%) और चांदी की कीमतों में ₹46,680 प्रति किलोग्राम (52.04%) की तेजी दर्ज की गई है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार का हाल
ग्लोबल मार्केट में स्पॉट गोल्ड $3,759.02 प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच चुका है, जबकि यूएस गोल्ड फ्यूचर $3,779.40 प्रति औंस पर कारोबार कर रहा है। एनालिस्ट्स के अनुसार शॉर्ट टर्म में सोने को $3,710–3,690 प्रति औंस के स्तर पर मजबूत सपोर्ट मिल सकता है।
आगे का अनुमान
एनालिस्ट्स का कहना है कि फेस्टिव सीजन, कमजोर डॉलर और वैश्विक मांग को देखते हुए सोने का रुझान निकट भविष्य में भी पॉजिटिव रहने की उम्मीद है। हालांकि, तेज उतार-चढ़ाव के कारण शॉर्ट टर्म में हल्की गिरावट संभव है।
निवेश सलाह: विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशकों को सोने में चरणबद्ध निवेश और लॉन्ग टर्म होल्डिंग रणनीति अपनानी चाहिए, क्योंकि आने वाले महीनों में सोने के दाम में और मजबूती देखी जा सकती है।