नई दिल्ली, 14 जून: अहमदाबाद से लंदन जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट AI171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के दो दिन बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने पहली बार मीडिया के सामने आकर हादसे पर विस्तृत जानकारी दी। इस भयावह दुर्घटना में अब तक 270 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।
हादसे का विवरण:
एअर इंडिया की यह फ्लाइट 12 जून को दोपहर 1:39 बजे अहमदाबाद एयरपोर्ट से टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद ही 650 फीट की ऊंचाई पर पहुंचते ही असामान्य रूप से ऊंचाई खोने लगी। फ्लाइट में कुल 242 लोग सवार थे—230 यात्री, 2 पायलट और 10 क्रू मेंबर। टेकऑफ के तुरंत बाद पायलट ने 'MAYDAY' का सिग्नल भेजा लेकिन इसके बाद एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) से कोई संपर्क नहीं हो पाया। एक मिनट के भीतर ही विमान, एयरपोर्ट से करीब 2 किलोमीटर दूर मेघाणीनगर इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
ब्लैक बॉक्स बरामद, जांच जारी:
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने शनिवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि हादसे की जांच जारी है। “कल शाम ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया गया है और उसका डाटा डिकोड किया जा रहा है। इस जांच से हमें हादसे के वास्तविक कारणों का पता चलेगा। तीन महीने में रिपोर्ट पेश की जाएगी,” उन्होंने कहा।
उच्चस्तरीय जांच समिति गठित:
मंत्री ने बताया कि गृह सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है, जो दुर्घटना की हर दृष्टिकोण से जांच करेगी। DGCA, IB और AAIB जैसी एजेंसियां भी इस जांच में सक्रिय रूप से शामिल हैं। घटनास्थल को सील कर दिया गया है ताकि जांच में किसी तरह की बाधा न आए।
व्यक्तिगत संवेदनाएं और सरकार की प्रतिबद्धता:
राम मोहन नायडू ने हादसे में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, “मैं भी एक सड़क दुर्घटना में अपने पिता को खो चुका हूं, इसलिए पीड़ित परिवारों के दर्द को समझ सकता हूं।” उन्होंने आश्वासन दिया कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए हर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
पृष्ठभूमि में सुरक्षित उड़ानें:
मंत्रालय के सचिव समर कुमार सिन्हा ने जानकारी दी कि यह विमान इससे पहले पेरिस से दिल्ली और फिर दिल्ली से अहमदाबाद तक बिना किसी तकनीकी समस्या के उड़ान भर चुका था।
फिलहाल:
रनवे को हादसे के बाद अस्थायी रूप से बंद किया गया था, लेकिन शाम 5 बजे के बाद सीमित उड़ानों के लिए पुनः शुरू कर दिया गया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय की पूरी टीम तुरंत एक्टिव हुई और राहत कार्यों की निगरानी की।