दिल्ली में यमुना नदी लगातार खतरे का रूप धारण करती जा रही है। गुरुवार सुबह 7 बजे यमुना का जलस्तर 207.48 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से काफी ऊपर है। इस बढ़ते जलस्तर ने 2010 और 2013 दोनों रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। अब यमुना का पानी दिल्ली के प्रमुख इलाकों तक पहुंच चुका है, जिससे राजधानी में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
किन इलाकों में बाढ़ का खतरा
यमुना बाजार, निगम बोध घाट, सिविल लाइंस, कश्मीरी गेट और मयूर विहार जैसे इलाके पूरी तरह से प्रभावित हो चुके हैं। कहीं एक फीट तो कहीं आठ फीट तक पानी भर गया है। प्रशासन ने इन क्षेत्रों में जाने से बचने की अपील की है।
सिविल लाइंस में जलमग्न मकान
सिविल लाइंस का हाल सबसे खराब है। बेला रोड पर कई मकान पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं। लोग अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। स्वामी नारायण मंदिर परिसर तक पानी घुस गया है, वहीं कई वाहन सड़कों पर तैरते नजर आए।
सचिवालय और कश्मीरी गेट भी जलमग्न
दिल्ली सचिवालय तक यमुना का पानी पहुंच गया है। पानी रोकने के लिए रेत की बोरियां रखी गई हैं, लेकिन जलस्तर और बढ़ने पर सचिवालय को बंद करना पड़ सकता है। कश्मीरी गेट इलाके में भी दो से तीन फीट तक पानी भर गया है, जिससे आईएसबीटी के पास यातायात प्रभावित हुआ है।
ITO और निगम बोध घाट तक पहुंचा पानी
दिल्ली के अति व्यस्त इलाकों में से एक ITO भी अब बाढ़ की चपेट में है। यहां कई दफ्तर और सरकारी कार्यालय स्थित हैं, जिन तक पहुंचना अब मुश्किल हो गया है। निगम बोध घाट से वासुदेव घाट तक सभी घाट पूरी तरह डूब गए हैं।
NH-44 पर फ्लाईओवर धंसा
बाढ़ की वजह से दिल्ली-चंडीगढ़ मार्ग भी प्रभावित हुआ है। अलीपुर स्थित NH-44 पर एक फ्लाईओवर का हिस्सा धंस गया, जिससे बड़ा हादसा होते-होते टल गया। हालांकि एक ऑटो सवार घायल हो गया है।
फिलहाल, हालात बिगड़ते देख प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा है, लेकिन बढ़ते जलस्तर ने राजधानी की चिंता बढ़ा दी है।