नई दिल्ली | 5 नवंबर 2025
दुनिया भर के वित्तीय बाजारों में चल रही बिकवाली अब क्रिप्टोकरेंसी तक पहुंच गई है। पहले शेयर बाजारों में गिरावट, फिर गोल्ड की चमक फीकी और अब Bitcoin भी इस ग्लोबल सेलऑफ का शिकार बन गया है। मंगलवार को बिटकॉइन करीब 5% टूटकर $99,966 (करीब ₹84 लाख) तक गिर गया — यह चार महीने में पहली बार है जब यह $1 लाख के नीचे फिसला।
Bitcoin और Ethereum में जोरदार गिरावट
बुधवार को भी क्रिप्टो मार्केट में गिरावट जारी रही।
-
Bitcoin: 4 महीने बाद पहली बार $100,000 के नीचे, 5% की गिरावट
-
Ethereum: 9% की भारी गिरावट के साथ $3,275 पर पहुंचा
दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ethereum में आई तेज गिरावट से निवेशकों का भरोसा और कमजोर हुआ है।
AI स्टॉक्स की गिरावट से जुड़ा क्रिप्टो करेक्शन
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हालिया क्रिप्टो गिरावट का सीधा संबंध AI सेक्टर की कमजोरी से है।
दरअसल, जिन निवेशकों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कंपनियों में पैसा लगाया था, वही निवेशक क्रिप्टो में भी सक्रिय हैं।
मंगलवार को अमेरिकी Nasdaq Composite Index में 1% से अधिक गिरावट आई, जबकि AI कंपनी Palantir के शेयर करीब 8% टूटे — बावजूद इसके कि कंपनी ने बेहतर नतीजे घोषित किए थे।
यानी, जब AI स्टॉक्स में मुनाफावसूली हुई तो घबराहट की लहर क्रिप्टो मार्केट में भी फैल गई।
“मार्केट थक चुका है” — विशेषज्ञ
Ethereum प्लेटफॉर्म Codex के फाउंडर Haonan Li के अनुसार, “मार्केट अब थक गया है। चाहे stablecoin ग्रोथ हो या Bitcoin को ‘डिजिटल गोल्ड’ मानना — इन सब बातों का अब कोई असर नहीं दिख रहा। अच्छी खबरों का असर नहीं पड़ रहा और बुरी खबरें बहुत बुरी साबित हो रही हैं।”
रिटेल निवेशक अब ‘Buy on Dip’ नहीं कर रहे
Compass Point के एनालिस्ट Ed Engel का कहना है कि इस बार गिरावट के दौरान रिटेल निवेशक खरीदारी से दूरी बनाए हुए हैं।
उन्होंने कहा — “लॉन्ग-टर्म होल्डर्स पहले ही बेच रहे हैं, अब शॉर्ट-टर्म इन्वेस्टर्स भी डरने लगे हैं। अगर यह ट्रेंड जारी रहा तो बिटकॉइन $95,000 तक फिसल सकता है।”
उनका मानना है कि फिलहाल बाजार में कोई बड़ा पॉजिटिव ट्रिगर नजर नहीं आ रहा, जिससे रिवर्सल की उम्मीद कम है।
$95,000 का स्तर ‘क्रिटिकल सपोर्ट’
तकनीकी विश्लेषकों का कहना है कि $95,000 बिटकॉइन के लिए एक अहम सपोर्ट लेवल है। यदि यह स्तर टूट गया तो गिरावट और तेज हो सकती है।
रोचक यह है कि अक्टूबर आमतौर पर बिटकॉइन के लिए बुलिश महीना माना जाता है, लेकिन इस बार ट्रेंड उल्टा रहा।
2018 में भी ऐसा ही हुआ था — जब अक्टूबर में बिटकॉइन फ्लैट रहा और नवंबर में 37% गिर गया था।
“रिस्क-ऑफ” मोड में दुनिया भर के निवेशक
शेयर बाजार, गोल्ड और क्रिप्टो — तीनों जगह एक ही ट्रेंड दिखाई दे रहा है।
निवेशक फिलहाल “रिस्क-ऑफ” मोड में हैं और सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं।
AI स्टॉक्स की वैल्यूएशन को लेकर चिंताएं, महंगाई और ब्याज दरों की अनिश्चितता ने ग्लोबल मार्केट में घबराहट बढ़ा दी है।